Tulsi Ke Patte Gangajal: भारतीय धर्म  में गंगाजल और तुलसी को काफी पवित्र माना जाता है. पूजा की थाली में  तुलसी दल और गंगाजल का अपना अलग महत्व है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अलावा तुलसी और गंगा जल का औषधीय महत्व भी है. वैसे तो तुलसी के पत्तों और गंगाजल को लेकर कई सारी मान्यताएं हैं. खासकर पूजा के समय इन दोनों चीजों का होना क्यों जरूरी है ये हम आपको यहां पर बताते हैं.    


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1-तुलसी की महिमा अपार
सनातल धर्म में तुलसी को मां का दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म में तुलसी की महिमा अपरंपार बताई गई है.  तुलसी दल को पूजा की थाली और प्रसाद में भी जगह दी जाती है. इसका होना शुभ का सूचक है.


2-हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व 
हिंदू धर्म में माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां पर लक्ष्मी माता के साथ भगवान विष्णु की भी पूर्ण कृपा दृष्टि बनी रहती है.


3-सूरज ढलने के बाद न तोड़ें पत्ते
याद रखें तुलसी के पत्तों को कभी सूरज ढलने के बाद हाथ भी नहीं लगाना चाहिए तोड़ना तो बहुत दूर की बात है. वहीं अशुद्ध होने पर भी तुलसी के पेड़, घरौंदे या गमले से दूर ही रहना चाहिए. तुलसी माता को साफ सफाई बहुत पसंद है. अगर ठीक से इनका ध्यान न रखा जाए तो वो सूख जाती हैं. 


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4-तुलसी के पौधे को इस दिन तोड़ने की मनाही
इस बात का ध्यान रखें की तुलसी के पत्ते को मंगलवार और रविवार को नहीं तोड़ने चाहिए.


5-गंगाजल में क्यों मिलाते हैं तुलसी!
भगवान का प्रसाद तुलसी दल के बिना चरणामृत अधूरा माना जाता है. भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण को भी तुलसी अति प्रिय है, इसलिए भोग में, पंचामृत में भी गंगाजल और तुलसी दल मिलाया जाता है. यही वजह है कि तुलसी दल को चरणामृत में जरूर डालते हैं. 


Disclaimer:  इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.


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