विजय आहूजा/उधमसिंहनगर : रुद्रपुर के शमशान घाट में अंतिम संस्कार का अजीबोगरीब मामला सामने आने से खलबली मच गयी. दरअसल श्मशान घाट में कुछ लोगों ने शव के बदले कुश से बने पुतले का अंतिम संस्कार धार्मिक मान्यता के तहत कर दिया. मुक्तिधाम के पंडित को पूरे मामले की सही जानकारी नहीं होने पर उन्होंने पुलिस को जानकारी दे दी. उसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई. पुलिस की तफ्तीश में पता चला कि 11 साल पहले रम्पुरा क्षेत्र से एक व्यक्ति रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था. कुछ दिन बाद पुलिस को उसका शव नाले से मिला लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति मानक शव का दाह संस्कार कर दिया. 


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घास से बने पुतले का क्यों कराने पहुंचे दाह संस्कार


इस मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस को तहरीर भी सौंपी थी. तहरीर के आधार पर पड़ताल कर रही पुलिस ने ढाई माह पहले मामले का खुलासा करते हुये लापता होने वाले व्यक्ति भोनू साहनी के सगे भाई को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. अब मृतक भोनू साहनी के परिजन रुद्रपुर की सुभाष कॉलोनी से पूरे विधि-विधान के साथ 25 से 30 लोग एकत्र होकर शव यात्रा लेकर इच्छा रोड स्थित श्मशान घाट पहुंचे. यहां उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ सवा क्विंटल लकड़ी लेकर कुश के घास से बने एक पुतले का दाह संस्कार कर दिया.


पुलिस ने एफआईआर से किया इनकार


पंडित को इस बात की जानकारी नहीं थी कि धार्मिक मान्यताओं के तहत यहं पुतले का दाह संस्कार किया जा रहा है. वही परिजनों ने जब सिर्फ सवा क्विंटल लकड़ी खरीदी तो मुक्तिधाम के पंड़ित ने मामला संदिग्ध मानकर उसने पूछताछ की. इस पर परिजनों ने पुतले का संस्कार करने की बात पंडित को बतायी. पंडित ने रम्पुरा चौकी पुलिस को शिकायत सौंप दी. पुलिस ने पूछताछ के लिए संस्कार करने वाले परिजनों को बुलाया. परिजनों ने पुलिस को बताया कि धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अपने संबंधी की आत्म शांति और पिंडदान के लिए कुश का पुतला बनाकर उसका दाह संस्कार किया गया. रुद्रपुर सीओ सिटी अभय सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों ने धार्मिक मान्यता के अनुसार कुश के पुतले का दाह संस्कार किया जो किसी भी तरह से गैरकानूनी नहीं है. मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती. 


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