मार्कशीट-प्रमाणपत्र में गलती सुधरवाने का सुनहरा मौका, यूपी के हर जिले में अलगे महीने लगेगा कैंप
UP Board: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रदेश के जिलों में कैंप लगाने जा रहा है. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंक पत्रों और प्रमाण पत्रों में संशोधन के लिए यूपी बोर्ड कैंप लगाने जा रहा है. इसमें पहले भी यूपी बोर्ड ने कई जिलों में कैंप लगाए थे, मगर कुछ मामलों का निस्तारण नहीं हो पाया था.
लखनऊ: आपने हाईस्कूल (Highschool) और इंटरमीडिएट (Intermediate ) की मार्कशीट में छात्रों के नाम में गड़बड़ी के कई मामले देखे होंगे. इसके बाद स्टूडेंट्स को काफी दिक्कतों का सामना पड़ता है. छात्रों को बोर्ड के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिसमें काफी समय और पैसे खर्च होते हैं. इन परेशानियों को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रदेश के जिलों में कैंप लगाने जा रहा है. इसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंक पत्रों और प्रमाण पत्रों में संशोधन किया जाएगा. छात्र-छात्राओं के नाम में गलती, माता-पिता के नाम में गलती, स्पेलिंग में गलती और जन्मतिथि में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए यूपी बोर्ड एक बार फिर कैंप आयोजित करने जा रहा है.
जिलों में लगेंगे कैंप
जानकारी के मुताबिक यूपी बोर्ड की और से छात्रों की मार्कशीट में संशोधन के लिए प्रदेश के जिलों में कैंप लगाए गए थे. बीते 12 जून से 30 जून तक निर्धारित तिथि पर कैंप लगाए गए थे. करीब 61219 मामलों के निस्तारण के लिए कैंप लगवाए गए थे. इसके बावजूद करीब दस हजार मामलों का समाधान नहीं हो पाया था. इन्हीं मामलों को निपटाने के लिए बोर्ड दोबारा कैंप लगाने जा रहा है. इन मामलों में कुछ ऐसे भी थे, जो बीते कई वर्षों से चल रहे थे. छात्र-छात्राओं को इनमें त्रुटियां ठीक कराने के लिए कार्यालयों को चक्कर काट रहे थे. ऐसे में आने-जाने में छात्रों के पैसे भी खर्च होते थे.
ऐसे मामलों की जानकारी होने पर यूपी बोर्ड सचिव ने दोबारा कैंप लगाने का फैसला किया. इसके लिए संबंधित विद्यालयों और छात्र-छात्राओं को कैंप की पहले से जानकारी दी जाएगी ताकि उन्हें कागजों में संशोधन कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटना पड़े. कैंप में डीआइओएस और बीएसए को भी उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, ताकि ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर काउंटर साइन की प्रक्रिया कैंप में पूरी कराई जा सके. इनके साथ ही कैंप में क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है.
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