UP Board Registration with Aadhar Card: उत्तर प्रदेश बोर्ड (UP Board) ने अचानक ही छात्रों को एक बहुत बड़ा झटका दिया है. यूपी बोर्ड ने क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में अचानक से आधार कार्ड नंबर कंपलसरी कर दिया है. बताया जा रहा है कि सरकार के निर्देश पर यूपी बोर्ड ने चुपके से अपनी वेबसाइट अपडेट कर दी है. अब उन बच्चों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है, जिनके पास आधार नहीं है. अभी पिछली बार तक फॉर्म भरते समय आधार अनिवार्य नहीं था. 


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अभी तक अधिकारियों ने नहीं तोड़ी चुप्पी
बताया जा रहा है कि हाल ही में वेबसाइट पर हुए बदलाव की वजह से सबसे ज्यादा क्लास 9 और क्लास 11 में एडमिशन लेने वाले परेशान हैं. वहीं, क्लास-10 और क्लास-12 में भी डायरेक्ट एडमिशन लेने वाले बिना आधार नंबर वाले परेशान हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि इसे लेकर बोर्ड के अधिकारी आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं. 


हजारों स्कूलों में हजारों स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर खतरा
क्लास 9 से लेकर क्लास 12 तक हजारों छात्र ऐसे हैं, जिनपर पढ़ाई छूटने का खतरा मंडरा रहा है. यूपी बोर्ड से संबद्ध 27735 स्कूलों में 2332 राजकीय, 4528 सहायता प्राप्त और 20875 वित्तविहीन हैं. ज्यादातर वित्तविहीन स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं, जहां कहीं कहीं जागरूकता का अभाव अभी भी है और बच्चों के आधार नहीं बने हैं. ऐसे में अगर बोर्ड की तरफ से फॉर्म रिजेक्ट हो गया तो पढ़ाई का नुकसान भी हो सकता है.


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ये हैं यूपी बोर्ड से जुड़ी जरूरी तारीखें
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 के बोर्ड एग्जाम के लिए इस साल एग्जाम फीस 10 अगस्त तक कोषागार में जमा होगी और 16 तक शैक्षिक विवरण www.upmsp.edu.in पर अपलोड किया जाएगा. 10 अगस्त तक अगर फीस नहीं भरी तो प्रति छात्र 100 रुपये लेट फीस 16 तारीख तक जमा की जा सकती है और फिर शैक्षिक विवरण 20 अगस्त तक अपलोड होगा. इसके अलावा, 9वीं और 11वीं में प्रवेश लेने वालों के लिए अग्रिम पंजीकरण शुल्क और शैक्षिक विवरणों अपलोड 25 अगस्त तक होगा.


क्या यह कदम है असंवैधानिक?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कहा जा रहा है कि कानून तौर पर आधार को अचानक अनिवार्य करना गलत है. क्योंकि सु्प्रीम कोर्ट ने 2018 के सितंबर में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना ‘आधार’ को 4:1 के बहुमत से संवैधानिक तो करार दिया था, लेकिन बैंक अकाउंट और फोन नंबर से इसे लिंक कराना असंवैधानिक बताया था. साथ ही, इससे संबंधित प्रावधान भी रद्द कर दिए गए थे. इतना ही नहीं, यह भी बताया जा रहा है कि यूपी बोर्ड ने आधार अनिवार्य करने से पहले अपना एक्ट एमेंड नहीं किया. इसलिए इसे कानूनी रूप से मान्य नहीं कहा जा सकता और बिना सूचना दिए अचानक से नया नियम लाना भी अनुचित कहा जा रहा है. 


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