UP Budget 2023​:  22 फरवरी 2023 को उत्तर प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा. योगी सरकार 22 फरवरी को सुबह 11 बजे दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट होगा जिसका आकार लगभग सात लाख करोड़ रुपये होगा.  अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत बजट के जरिए युवाओं, महिलाओं, किसानों और कामगारों को साधने की कोशिश होगी.  आइए आपको बताते हैं है कि यूपी में पहला बजट किसने पेश किया और सबसे ज्यादा बजट पेश करने का कीर्तिमान किसने नाम पर है.


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14 मार्च 1952 में यूपी का पहला बजट
उत्तर प्रदेश में पहली बार 14 मार्च 1952 में यूपी का अपना बजट पेश किया गया. ये बजट तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद  बल्लभ पंत ने पेश किया था. ये बजट  1 अरब 49 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. 


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गोविंद बल्लभ पंत के नाम यूपी का पहला बजट
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे. गोविंद 26 जनवरी 1950 से 27 दिसंबर 1954 तक यूपी के मुख्यमंत्री पद पर रहे. गोविंद बल्लभ पंत 1955 में केंद्र सरकार में होम मिनिस्टर बने. 1955 से 1961 तक होम मिनिस्टर रहे. पंत को सबसे अधिक किसी चीज़ के लिए जाना जाता है, तो हिंदी को राजकीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए ही 1957 में इनको भारत रत्न मिला.


नारायण दत्त तिवारी को यूपी में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का श्रेय 
यूपी में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का कीर्तिमान कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी ने  बनाया. एनडी तिवारी ने 4 बार सीएम और 7 बार वित्तमंत्री रहते हुए यूपी बजट कुल 11 बार पेश किया.


मुलायम सिंह ने 9 बार बजट पेश किया
समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने नौ बार बजट पेश किया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साल 2012 में सपा सरकार आने के बाद खुद ही लगातार पांच साल तक यूपी का बजट पेश किया. 


कितने समय में तैयार होता है बजट 
यूपी के बजट को तैयार करने में 4 महीने का वक्त लगता है.  चुनाव होने के चलते वित्त वर्ष 2022-23 का बजट मार्च में पेश नहीं हो सका. अगर यह मार्च में जारी होता तो नवंबर में तैयारी शुरू हो जाती है.   बजट बनाने वाली टीम पूरी प्रकिया के वक्त मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री से इनपुट लेती रहती है.


फाइनेंशियल ईयर का होता है लेखा-जोखा


बजट कोई मामूली चीज नहीं है, नए फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के लिए इसमें पूरे देश का लेखा जोखा पेश किया जाता है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी होती हैं. बजट को तैयार करने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है.


बेहद गोपनीय होते हैं दस्तावेज
बजट के बेहद गोपनीय दस्‍तावेजों को तैयार करने के दौरान इसमें शामिल अधिकारी और कर्मचारी करीब 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कट जाते हैं. यहां तक कि उन्‍हें अपने घर में जाने की भी परमीशन नहीं होती. जब तक बजट पेश नहीं हो जाता, त‍ब तक इन लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर व्यवस्था चाक-चौबंद होती है.  


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