UP Chunav 2022: इस सीट पर बाप के खिलाफ लड़ेगी बेटी, BJP ने बनाया मुकाबले को दिलचस्प
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 मद्देनजर राजनीति अब गरमा गई है. अब सियासी समीकरण भी दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं. यूपी की सत्ता के लिए परिवारों के बीच भी अनबन देखने को मिली तो वहीं एक सीट ऐसी है जहां, पिता के सामने बीजेपी ने बेटी को ही खड़ा कर दिया है.
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 मद्देनजर राजनीति अब गरमा गई है. अब सियासी समीकरण भी दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं. यूपी की सत्ता के लिए परिवारों के बीच भी अनबन देखने को मिली तो वहीं एक सीट ऐसी है जहां, पिता के सामने बीजेपी ने बेटी को ही खड़ा कर दिया है.
बिधूना सीट से मौजूदा विधायक विनय शाक्य ने बीजेपी का दामन छोड़ सपा का हाथ थाम लिया. इसके बाद बीते शुक्रवार को बीजेपी ने चौथी उम्मीदवार सूची जारी कर उन्हें करारा जवाब दिया है. भाजपा ने उसी सीट से विनय शाक्य के खिलाफ उनकी बेटी रिया शाक्य को ही मैदान में उतार दिया है. बीजेपी के यह दांव लगाने के बाद इस सीट पर मुकाबला अब और भी मजेदार हो गया है.
बेटी ने वीडियो जारी कर लगाया घरवालों पर आरोप
जबसे विनय शाक्य ने बीजेपी छोड़ सपा का दामन थामा है, तबसे ही उनकी बेटी रिया ने उनपर निशाना साधा हुआ है. कुछ दिन पहले ही रिया ने एक वीडियो जारी कर अपने चाचा और दादी पर हमला किया है. रिया का कहना है कि उनके पिता अपने मन से सपा में नहीं गए, बल्कि चाचा और दादी उनपर दबाव डाला था.
बीजेपी की चौथी लिस्ट जारी
बीजेपी ने चौथी कैंडिडेट लिस्ट जारी कर 85 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की. इसमें अदिति सिंह को रायबरेली सदर, असीम अरुण को कन्नौज, हरिओम यादव को सिरसागंज और रामवीर उपाध्याय को सादाबाद से चुना गया है. इसके अलावा, समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए नितिन अग्रवाल को हरदोई से उतारा गया है.
जिस करहल सीट से अखिलेश यादव लड़ेंगे चुनाव, यादव परिवार का यहां से है पुराना नाता
कौन हैं बिधूना विधायक विनय शाक्य
यूपी के औरैया की बिधूना कन्नौज संसदीय सीट के अंदर आती है. वहीं, बीजेपी से इस्तीफा देने वाले विनय शाक्य यहां पर प्रभावी नेता माने जाते हैं. विनय शाक्य ने कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की थी. वह बसपा प्रमुख मायावती के भी भरोसेमंद बताए जाते रहे हैं. साल 2002 में विनय शाक्य ने बिधूना से ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा को हराया था.
इसके बाद वह मायावती के खास बन गए. साल 2007 में विनय शाक्य को हार का सामना करना पड़ा तो मायावती ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बना दिया. इसके बाद इस बेल्ट में विनय और पावरफुल हो गए. इसके बाद 2007 और 2012 में यह सीट सपा के पास गई और फिर 2017 में इसपर बीजेपी का कब्जा रहा. 2017 में विनय शाक्य ने बीजेपी जॉइन की और वहां के विधायक बने. अब वह सपा में शामिल हो गए हैं.
WATCH LIVE TV