Yogi Adityanath Speech in assembly session: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नेता विपक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का तीखा जवाब दिया.सीएम योगी ने अखिलेश के अनुपूरक बजट को लेकर जानकारी न होने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदली है. देश औऱ दुनिया की धारणा यूपी को लेकर बदली है. इसे हर व्यक्ति सम्मानजनक ढंग से देखता है. हम आज भी एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर पूरा प्रयास कर रहे हैं, अगर हमारा उत्तर प्रदेश आगे बढ़ेगा तो पूरे राज्य को लाभ मिलेगा. विपक्षी दलों को भी प्रसन्नता होनी चाहिए. क्या 2017 के बाद डबल इंजन सरकार में कोई काम नहीं हुआ. जीएसडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर 24 लाख करोड़ राज्य सकल घरेलू उत्पाद पहुंच चुका है.


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सीएम योगी ने कहा, मुझे अफ़सोस हुआ नेता विरोधी दल लीक से हटकर बोलने के आदी हो गए हैं, जो बीमारी बिहार में देखने को मिल रही है वो यहां भी देखने को मिलेगी. नेता विरोधी की बातों को सुनकर याद आया.  'बड़ी हसीन है, उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहार की बात करते हैं. जिन्होंने रात मे बेखौफ़ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं'



योगी ने कहा, पिछले छह सात वर्षो मे सदन मे चर्चा परिचर्चा का माहौल बना है, विरोधी दलों के लोग भी तैयारी करके आना चाहते है,ये अच्छी बात है. नेता विरोधी दल मुख्यमंत्री रह चुके हैं.  2017 के पहले का उत्तर प्रदेश अराजकता गुंडागर्दी अव्यवस्था और युवाओं के पहचान के संकट वाला प्रदेश बन गया था. 2017 के बाद लोगो की धारणाएं बदली हैं. यह नए भारत का नया उत्तरप्रदेश है. यही छवि ही प्रदेश की पहचान है.  


सीएम योगी ने कहा, 2017 से 2022/23 तक हमारा बजट प्रतिवर्ष बढ़ा है. ये अनुपूरक बजट अबतका सबसे बड़ा बजट है,प्रदेश मे जब सरकार बजट लेकर आती है. अपने आय का भी ध्यान रखना होता है. प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से हो रहा है. आज प्रदेश रेवेन्यू सरपलस (व्यय से आय अधिक) स्टेट है. आज राज्यकर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच रहे है, जो 2016-17 में 86 हजार करोड़ रुपये के करीब थी. स्टांप राजस्व से हम 34 हजार करोड़ तक पहुंचे. एक्साइज में हम 58 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं. 


प्रदेश मे बैंकों के माध्यम से ऋण वितरित किए गए. आज 5 किलोमीटर के क्षेत्र में बैंकिंग ब्रांच या बैंकिंग सखी के माध्यम कार्य हो रहे हैं. ये आंकड़े आरबीआई बुलेटिन से आपके सामने हैं. किसी मैगज़ीन से नहीं. नेता प्रतिपक्ष हर कार्य को समाजवादियों की बताने से नही चूकते. इनके कारनामे सब जानते हैं. नेता विरोधी दल चुनाव पूर्व कोई इंटरव्यू देना होता तभी एक सेंटर मे आते हैं. प्रदेश में सत्ता प्रायोजित डकैती का सबसे अच्छा उदाहरण है उन्हीं में से एक है JPNIC.


इसका मूल डीपीआर सिर्फ 265 करोड़ का आंका गया था,इसके बाद 821 करोड़ खर्च हो गया तब भी ये पूरा नही हो पाया. गोमती रिवर फ्रंट की बात करें तो इसकी डीपीआर 167 करोड़ का था, फिर इसका डीपीआर 346 करोड़ के लगभग हुआ. इसके बाद 2015 में इसको वो 656 करोड़ तक लेकर गए. जून 2016 में इनकी कैबिनेट मे इसी योजना का रिवाइज़ एस्टीमेट 1513 करोड़ का हुआ. 1437 करोड़ खर्च होने के बाद भी कार्य अधूरा ही रह गया. सीबीआईईडी के माध्यम से इसकी जांच हो रही है.


1 लाख 15 हजार से ज्यादा मजरे थे, जहां बिजली नहीं था वहां बिजली आपूर्ति पहुंचाई गई.1.56 लाख ऐसे थे, जिनके पास कभी बिजली कनेक्शन नहीं थे, उन्हें कनेक्शन दिए.


16-17 हजार मेगावॉट की पीक ऑवर में सप्लाई होती थी, अब 30 हजार मेगावॉट की विद्युत आपूर्ति पीक ऑवर में होती है. निजी नलकूप वाले किसानों को विद्युत बिल में छूट देने की कार्यवाही जल्द पूरी होगी.


2017 में दो एयरपोर्ट ही क्रियाशील थे. आज 9 हवाई अड्डे वर्तमान में क्रियाशील है. 12 एयरपोर्ट निर्माणाधीन है. अयोध्या राम मंदिर एयरपोर्ट तैयार है. कल हम नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ वहां निरीक्षण करेंगे. 2024 के अंत तक जेवर एयरपोर्ट भी पूरा हो जाएगा. 


प्रदेश मे 2017 के पहले नौकरी भरतियों की बात करें तो सिर्फ पुलिस में ही एक लाख 64 हजार भर्ती हुई. 2017 के पहले भर्ती प्रक्रिया बाधित रही. हमारी सरकार में 114 नए थाने खोले गए. आर्थिक अपराध के केंद्र बनाए गए. 40 एंटी ह्युमन ट्रैफ़िकिंग के थाने बनाए गए.हर जिले में साइबर अपराध रोधी केंद्र बनाए गए. 


ग्लोबल इनवेस्टर समिट के बाद उत्तर प्रदेश को अब तक 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. क्या समाजवादी सरकार मे ये आते? जो होते वो भी भाग खड़े होते.हमारे उत्तर प्रदेश के नौजवान को अब कहीं जाना नही पड़ेगा.पहले कहा जाता था, जहां से अंधेरा मिले वहीं से जानो उत्तर प्रदेश है. सड़क में जहां से गड्ढे मिले वही से जानो उत्तर प्रदेश है. शिवपाल जी इसको मानते हैं. लेकिन जब आप बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कहां से खाएंगे. नेता प्रतिपक्ष ने ठीक से पढ़ा नहीं. अगर पढ़ा होता तो ऐसी बात न कहते.


 


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