लखनऊ: उप मुख्यमंत्री सोमवार को गोमतीनगर के एक होटल में प्राइवेट सेक्टर पार्टनशिप फॉर हेल्थ केयर एक्सीलेंस पर आयोजित कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज में नर्सिंग सेवा अहम है. वर्ष 2017 से पहले नर्सिंग कॉलेज भगवान भरोसे चले रहे थे, मानकों के कोई मायने नहीं थे. शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने वाला भी कोई नहीं था. प्रदेश सरकार ने 3000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. इसमें करीब एक लाख नर्सिंग अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. कुल 4000 अभ्यर्थी ही मेरिट में स्थान बना पाये. इसमें 2200 का ही चयन हो पाया, बाकी पद खाली रह गए. इसकी बढ़ी वजह नर्सिंग कॉलेजों की बदहाल व्यवस्था थी. मानकों के खिलाफ चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को चेतावनी दी गई. भले ही परीक्षा कम लोग पास कर पा रहे हैं लेकिन योग्य व्यक्ति को ही नर्सिंग की डिग्री प्रदान की जाएगी


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मिशन निरामया से हो रहा सुधार
प्रदेश सरकार ने मिशन निरामया का आगाज किया है. नर्सिंग की शिक्षा को बेहतर बनाने का खाका तैयार किया गया है. इसके तहत स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली खत्म की गई. कैमरे की निगरानी में परीक्षा कराई गई. नतीजतन जिन कॉलेजों का रिजल्ट 85 फीसदी आता था, वो घटकर 25 फीसदी तक रह गया. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई होगी. वर्ष 2017 से पहले महज पांच मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई जाती थी. अब 11 कॉलेजों में कोर्स का संचालन हो रहा है, इसे बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।


40 दिनों में दस मेडिकल कॉलेजों का खाका तैयार होगा
पहले प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज का संचालन हो रहा था, अब 65 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा जल्द ही 14 जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. पीपीपी मॉडल पर दस मेडिकल कॉलेजों का संचालन होगा. इसका खाका अगले 40 दिनों में तैयार होगा. ताकि मरीजों को बेहतर व आधुनिक इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. कार्यक्रम में सिद्धार्थ भट्टाचार्या, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा समेत सीआईआई के पदाधिकारी मौजूद रहे. ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का काफी दबाव है. रोजाना एक लाख 70 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. 13 हजार घायलों को इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. सात से आठ हजार गंभीर रोगी अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं. ऐसे में प्राइवेट अस्पताल सहभागी बनें, नए अस्पताल बनाएं. मरीजों को किफायती इलाज उपलब्ध कराएं. गरीबों की सेवा करने के मकसद से अस्पताल खोलें. इसमें सरकार हर स्तर से मदद करेगी.


कानून व्यवस्था थी बड़ी चुनौती
वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त थी, गुंडागर्दी चरम पर थी. योगी सरकार ने माफियाओं का सफाया किया है. भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार काम कर रही है. अब जनता घर व बाहर दोनों जगह सुरक्षित है. पहले बेटियों का घर से निकलना दूभर था. स्कूलों तक जाने में दिक्कत होती थी, अब बेखौफ होकर बेटियां पढ़ रही हैं.


डायलिसिस की सुविधा 
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की तैनाती की जा रही है. सर्दी-जुकाम व बुखार की दवा मरीजों को घर के निकट मिल सकेगी. सभी जिलों में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को मुहैया कराई जा रही है. पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन संचालित हो रहे हैं, सभी जिलों में यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी.