UP DGP : यूपी डीजीपी की रेस में 1988 बैच के आईपीएस अफसर शामिल हैं.  1988 बैच के 5 आईपीएस अफसर डीजीपी बनने की रेस में शामिल हैं. दरअसल,   कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. महानिदेशक कारागार (DG Jail) आनंद कुमार और पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी (DG CBCID) विजय कुमार की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत बताई जा रही है. ज्यादा लंबे सेवाकाल के आधार पर आनंद कुमार और विजय कुमार की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत दिख रही है.डीएस चौहान के स्थायी डीजीपी बनने पर उन्हें सेवा विस्तार मिल सकता है. 


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वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों का पैनल पुलिस महानिदेशक पद के लिए भेजने की तैयारी है. 1988 बैच के आईपीएस अफसरों में डॉ डीएस चौहान, डॉ राजकुमार विश्वकर्मा शामिल हैं. अनिल कुमार अग्रवाल, आनंद कुमार और विजय कुमार भी इस दौड़ में शामिल हैं.  अनिल कुमार अग्रवाल अप्रैल में और डॉ राजकुमार विश्वकर्मा मई माह में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.  डीजी नागरिक सुरक्षा मुकुल गोयल 1987 बैच के अकेले अफसर हैं.  11 मई 2022 को यूपी सरकार ने मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटा दिया था.


 1989 बैच के पुलिस अफसर शफी अहसान रिजवी (IB में तैनात) की भी चर्चा चल रही है. हालांकि आईपीएस आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. आनंद कुमार लंबे से समय से पुलिस महानिदेशक कारागार के पद पर तैनात हैं.


यूपी में पुलिस महकमे के नए कप्तान की तलाश ऐसे वक्त हो रही है, जब प्रयागराज हत्याकांड को लेकर पुलिस पूरी ताकत झोंके हुए हैं अतीक अहमद के गुर्गों औऱ प्रयागराज हत्याकांड में शामिल हमलावरों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ यूपी समेत तमाम राज्यों, नेपाल और भूटान में भी छापेमारी कर रही है. हालांकि अतीक अहमद का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम जैसे मुख्य हत्यारोपी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. 


देवेंद्र सिंह चौहान ने 13 मई 2022 को अस्थायी तौर पर यूपी के डीजीपी का पदभार संभाला था. मुकुल गोयल को हटाए जाने के बाद उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी. तब वो महानिदेशक खुफिया विभाग (Director General Intelligence) पद पर तैनात थे. 


 


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