UP Primary Teachers: यूपी में सरकारी टीचरों की छुट्टियों पर चली कैंची, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के अवकाश पर लागू नई शर्तें
उत्तर प्रदेश सरकार ने अध्यापकों की छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव किया है. अब से किसी भी अवकाश के दिन कार्य करने पर शिक्षकों को उसका पैसा नहीं दिया जाएगा. छुट्टियों में सरलीकरण को लेकर सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. जानें पूरी गाइडलाइन...
Teachers Holiday Reduced: उत्तर प्रदेश सरकार ने अवकाश सरलीकरण के नाम पर प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के विभिन्न प्रकार के अवकाश की जटील प्रक्रिया को सरल कर दिया है.
बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ऋृषिकेश दुबे की ओर से बुधवार के दिन आदेश जारी किया गया. इस आदेश में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को गर्मी व जाड़े की छुट्टी शासन की ओर से अधिकृत अधिकारी से लेनी होगी. प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को दिए जाने वाले अवकाश की व्यवस्था को सरल कर दिया है. अभी तक छुट्टी लेने के लिए शपत पत्र (स्टांप) दिया जाता था लेकिन अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा प्रतिकर व पढ़ाई के लिए मिलने वाले अवकाश भी समाप्त कर दिए गए हैं.
विस्तार से
बेसिक शिक्षा विभाग में अभी तक किसी भी तरह की छु्ट्टी के लिए स्टांप पेपर लिया जाता था. अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. वहीं अब तक छुट्टी लेने के लिए सिर्फ सरकारी डॉ का प्रमाण पत्र ही मान्य होता था. इस नियम में बदलाव कर अब सभी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को भी शामिल कर लिया गया है. अभी तक बाल्य देखभाल (CCL) एक बार में कन्फर्म करने के लिए अधिकतम दिन तय नहीं थे. इसके लिए अब 30 दिन की छुट्टी तय की गई है. अब से चुनाव, जनगणना, बोर्ड परीक्षा आदि ऐसे तमाम मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर निर्णय ले सकेंगे.
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ऋृषिकेश दुबे द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को गर्मी और जाड़े की छुट्टियों के दौरान कार्य करने के बदले अर्जित और उपार्जित सभी अवकाश दिए जाएंगे. परिषदीय विद्यालय में काम करने वाले क्रमियों तो प्रतिकर अवकाश, निर्बंधित अवकाश और अध्ययन अवकाश की सुविधा समाप्त कर दी गई है.
संगठनों में असमंजस
छुट्टी सरलीकरण की नई व्यवस्था से सभी शिक्षक संगठनों में असमंजस की स्थिति है. कुछ संगठन इन नियमों का स्वागत कर रहे हैं तो कुछ को बिल्कुल नहीं भा रहे हैं. नए नियमों का विरोध करने वालों का कहना है कि बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में अधिकतम 30 दिन करना गलत है. इससे पहले यह अवकाश एक बार में 90 दिन मिलता था.फिर यह घटकर 45 दिन हुआ. और अब इसको सिर्फ 30 दिन कर दिया गया है. अब से रविवार के दिन काम करने का पैसा नहीं मिलेगा.
सरकार के फैसले का समर्थन करने वाले संगठनों कर कहना है कि इस आदेश से लाखों शिक्षकों को फायदा मिलेगा. समर्थन करने वालों के अनुसार कभी- कभी शिक्षकों से अवकाश के दिन भी कार्य लिया जाता था. लेकिन उसके बदले में उपार्जित अवकाश प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को दर-दर भटकना पड़ता था लेकिन अब इससे सभी को राहत मिलेगी.
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