यूपी का ऐसा जिला जहां नए साल पर विदेशी सैलानियों का जमावड़ा, एक हफ्ते का खर्च 10 हजार से भी कम
जापान, चीन, भूटान, म्यांमार, कोरिया, श्रीलंका, कम्बोडिया, थाइलैंड सहित कई देशों के पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं.
कुशीनगर : यूपी का एक ऐसा जिला है जहां जापान, चीन, भूटान, म्यांमार, कोरिया, श्रीलंका, कम्बोडिया, थाइलैंड सहित कई देशों के पर्यटकों का जमावड़ा लगता है. यहां इन देशों की संस्कृति, निर्माण कला, ध्यान, आध्यात्म और चिकित्सा के सिद्धांतों को मूर्त रूप में देखने का मौका मिलता है. यह पर्यटन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर चमकने वाला ऐसा धार्मिक स्थल है जिसे कुशीनगर के नाम से जाना जाता है. भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली (Lord Buddha at Mahaparinirvana Sthali) पर देखने के लिए ऐसा बहुत कुछ है जो आपकी आंखों के साथ-साथ मन को भी सुकून देगा.
कैसे बना कुशीनगर
गोरखपुर से लगभग 53 किलोमीटर दूर है कुशीनगर. इसका मुख्यालय रविंद्रनगर है. कुशीनगर पहले देवरिया का हिस्सा रहा, जो 1994 में देवरिया जिला से अलग होकर कुशीनगर जिला बना. कुशीनगर के पूर्व में बिहार, दक्षिण-पश्चिम में देवरिया, पश्चिम में गोरखपुर और उत्तर-पश्चिम में महाराजगंज जिला स्थित है. अगर आप नेपाल घूमने की योजना बना रहे हैं तो यहां से कम समय में ही पहुंचा जा सकता है.
बौद्ध भिक्षुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र
कुशीनगर स्थित भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पूरी दूनिया में बौद्ध भिक्षुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र रहा है. यह सबसे पवित्र बौद्ध मंदिरों में से एक है. यहां भगवान बुद्ध की 6.1 मीटर लंबी प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में है. यह प्रतिमा भगवान बुद्ध के निर्वाण (देह त्याग) के समय के काल को दिर्शाती है. इस प्रतिमा को चुनार के बलुआ पत्थर को काटकर बनाया गया था. बताया जाता है कि हरीबाला नाम के एक बौद्ध भिक्षु ने गुप्त काल के समय यह प्रतिमा मथुरा से यहां लाकर स्थापित की थी.
मंदिर के डिजाइन में ड्रैगन का इस्तेमाल
आधुनिक मंदिरों में चीनी शैली में बनी बुद्ध की मूर्ति चीनी और वियतनाम वास्तुशिल्प की मिश्रित डिजायन का प्रतीक है. मंदिर के अंदर लाफिंग बुद्धा की सुनहरी प्रतिमा पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खिंचती है. मंदिर के डिजाइन में जगह-जगह ड्रैगन का प्रयोग किया गया है. मंदिर परिसर में एक सुंदर बागीचा भी है जहां आप बैठकर सुकून के कुछ पल हासिल कर सकते हैं.
कई देशों से एयर कनेक्टिविटी बढ़ी
कुशीनगर पहुंचने के लिए रेल मार्ग, सड़क मार्ग और हवाई मार्ग उपलब्ध है. कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू होने से धीरे-धीरे यहां कई बौद्ध देशों से एयर कनेक्टिविटी बढ़ी है. इसके अलावा गोरखपुर एयरपोर्ट से कुशीनगर की दूरी महज 55 किलोमीटर है. यहां से दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता और देश के कई अन्य प्रमुख शहरों के लिए उड़ान सेवा हैं.
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