UP MLC By Election 2022: इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक-दूसरे पर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. ताजा मामला विधान परिषद उपचुनाव ( UP MLC By Election 2022 ) से जुड़ा है. जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का पर्चा रद्द हो गया, इसको लेकर सुभासपा नेता अरुण राजभर ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा "कोई चुनाव तो गंभीरता से लड़ लेते, राजनीतिक अपरिपक्वता फिर सामने आ गई."


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अरुण के ट्वीट से यूपी की सियासत फिर गर्म
आपको बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव पर हमलावर दिख रहे हैं. समय-समय पर उन्हें मीडिया को दिए बयानों के जरिए नसीहत भी दे रहे हैं. ऐसे में अरुण राजभर द्वारा अखिलेश यादव को लेकर किए गए इस ट्वीट से यूपी की सियासत एक बार फिर गरमा गई है.


आदिवासियों का अपमान का लगाया आरोप
दरअसल, अरुण राजभर ने समाजवादी पार्टी पर आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से लिखा- "कोई तो चुनाव गंभीरता से लड़ लेते राजनीतिक अपरिपक्वता फिर सामने आ गई. एमएलसी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज. आदिवासी हितैषी होने का ढोंग रचने की जल्दबाजी में अपने प्रत्याशी की आयु देख नहीं पाए. यह आदिवासियों को अपमानित करने की साजिश थी जो अब उजागर हो गई."



अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को लेकर किया ट्वीट
अरुण इतना ही कह कर नहीं रुके. उन्होंने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को लेकर एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, "अब सपा सुप्रीमो श्री अखिलेश यादव जी बतायें कि भाजपा की आत्‍मा श्री ओपी राजभर जी से निकलकर प्रो. रामगोपाल यादव जी में घुस गयी है क्‍या? श्री अखिलेश यादव जी किस तांत्रिक से अब प्रोफेसर साहब का झाड़फूंक करवायेंगे. यह शिष्‍टाचार मुलाकात नहीं है बल्कि प्राण बचाओ मुलाकात है."


इस मामले को लेकर फूटा अरविंद राजभर का गुस्सा
निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार कीर्ति कोल का नामांकन पत्र आयु के आधार पर खारिज कर दिया गया. इससे बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों का विधान परिषद में निर्विरोध पहुंचना लगभग तय हो गया है. दरअसल, एमएलसी के निर्वाचन के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु होनी चाहिए, लेकिन समाजवादी पार्टी की विधान परिषद उम्मीदवार कीर्ति कोल ने नामांकन पत्र में अपनी उम्र 28 वर्ष दी थी.


जिला निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने बताया कि जांच के दौरान सपा उम्मीदवार का नामांकन पत्र वैध नहीं पाया गया है. इस कारण कार्ति कोल का पर्चा खारिज कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने ऊपरी सदन में जाने के लिए न्यूनतम 30 वर्ष की आयु की पात्रता पूरी नहीं की.


इस कारण रद्द हुआ पर्चा
दरअसल, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार कार्ति कोल ने अपने हलफनामे और चुनावी पहचान पत्र में अपनी आयु 28 साल बताई. जो आयु की अहर्ता के मानक को पूरा नहीं करता. वहीं, पर्चा खारिज होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है. वहीं, दूसरी तरफ  बीजेपी उम्मीदवार गोरखपुर की क्षेत्रीय इकाई के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान के विधान परिषद जाने का रास्ता साफ हो गया है.