अजित सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार योगी सरकार कार्रवाई कर रही है. लेकिन अब महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन हो गया है. उत्तर प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत दर से दोषियों को सजा दिलाई गई है. पूरे देश के मुकाबले उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 7713 मामलों में महिलाओं के साथ अपराध करने वालों को सजा दिलाई गई है. देश में राजस्थान और मध्य प्रदेश दूसरे और तीसरे स्थान पर है. योगीराज में पहले भू माफियाओं और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ मुहिम तेज है. अब महिलाओं के साथ अपराध करने वालों पर भी योगी सरकार की निगाहें तिरछी हो गई है. अदालतों में लगातार पैरवी कराई जा रही है. नये अधिवक्ता रखे गए हैं जिसका परिणाम यह है कि अब अपराधियों को सजा हो रही है. 


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क्या कहता है एनसीआरबी का डाटा


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) डाटा के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बड़ी कमी आई है. पिछले दो साल में तेजी से कमी आई है. 2019 के मुकाबले में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 6.2 फ़ीसदी तो बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 11.11 प्रतिशत की कमी आई है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में यूपी में बच्चों के खिलाफ 18,943 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में यह संख्या घटकर 16,838 हो गई. वहीं 2019 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59, 853 मामले पंजीबद्ध किए गए थे. 2021 में यह अनुपात घटकर 56,083 हो गया. 


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कानून व्यवस्था में मुद्दे पर हुई तारीफ
अगस्त में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanth) की खुलकर तारीफ की थी. शाह ने कहा था कि योगी ने यूपी में कानून व्यवस्था को लंबे अरसे के बाद लागू करने का कार्य किया है.