राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: सहारा समूह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. हालिया मामला उत्तर प्रदेश के सीतपुर से सामने आया है. यहां सहारा कंपनी समेत आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. बीते 53 दिनों से यहां पर किसानों अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कंपनी पर किसानों का भुगतान समय पर न करने का आरोप है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह है पूरा मामला
एक समय था जब देश में सहारा समूह की तूती बोलती थी, हर क्षेत्र में सहारा ने अपनी धाक जमा रखी थी. वहीं, अब कुछ और ही देखने को मिल रहा है. कंपनी ने एफडी समेत विभिन्न स्रोतों से निवेशकों का पैसा जमा कराया. यह रुपया कंपनी को तय समय पर वापस करना था, लेकिन आरोप कि निवेशकों का रुपया नहीं लौटाया गया. सीतापुर में किसान लंबे समय से अपना रुपया लौटाने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. इससे परेशान होकर किसानों के धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया.  


Uttarakhand Budget 2023: उत्तराखंड में नया बजट तैयार, पिछले बजट का 50 फीसदी खर्च न होने पर नाराज हुए सीएम धामी


एसपी के आदेश पर 53 दिन बाद दर्ज हुआ मुकदमा
आपको बता दें कि पीड़ित सहारा निवेशक बीते 53 दिनों से धरना दे रहे थे. इसके बाद पीड़ित सहारा निवेशक और किसान मोर्चा के पदाधिकारीयों ने सीतापुर के एसपी से मुलाकात की. एसपी के निर्देश के बाद शहर कोतवाली में पुलिस ने केस दर्ज किया है. सहारा प्रमुख सुब्रत राय उनकी पत्नी सपना राय समेत आठ लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है.


मामला दर्ज होने के बाद पीड़ित किसानों और निवेशकों ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर धरने को समाप्त किया. पीड़ित सहारा निवेशक नवल किशोर मिश्रा का कहना है सहारा निवेशकों की जीत हुई है और 53 दिन बाद देर रात मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है ऐसी निजी कंपनियों पर नकेल कसी जाए और कठोर कार्रवाई की जाए.


WATCH: 72 ATM के साथ 2 ठग गिरफ्तार, मदद के बहाने खाता कर देते थे खाली