लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार राज्य में 700 से अधिक शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (यूएचडब्ल्यूसी) स्थापित करेगी. इसके खुलने से उत्तर प्रदेश में लोग अपने घरों के पास चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सकेंगे. लखनऊ के जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी के मुताबिक इस योजना के क्रियान्वयन की कवायद शुरू हो गई है. हमने उन जगहों की पहचान कर ली है जहां यूएचडब्ल्यूसी खोले जाएंगे और हम उन क्षेत्रों में किराए के लिए विज्ञापन जारी करेंगे."


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एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि लखनऊ में चरणबद्ध तरीके से 108 शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र खोले जाने हैं. इन केंद्रों पर मरीजों को 14 डायग्नोस्टिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा, सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए परीक्षण तब होगा जब मेडिकल स्टाफ इसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षित हो जाएगा.
हेल्थ एक्सपर्ट देंगे सेवाएं
यूएचडब्ल्यूसी टेली-मेडिसिन सेवाएं भी प्रदान करेगा, जिसमें प्रमुख संस्थानों में बैठे हेल्थ एक्सपर्ट गंभीर बीमारियों के लिए लिए भी परामर्श देंगे. राज्य भर के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि यदि विशेषज्ञ यूएचडब्ल्यूसी द्वारा नहीं किए गए परीक्षण की सलाह देते हैं, तो विशेष परीक्षण के लिए नमूना संग्रह सुविधा यूएचडब्ल्यूसी द्वारा प्रदान की जाएगी." स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यूएचडब्ल्यूसी की स्थापना के लिए जगह का चयन शहरी क्षेत्रों, झुग्गी-झोपड़ियों / कमजोर क्षेत्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा वाले क्षेत्रों के मूल्यांकन और मैपिंग के आधार पर किया गया था. 


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एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा, "यूएचडब्ल्यूसी उन क्षेत्रों में खोले जा रहे हैं जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. इसलिए, इन क्षेत्रों में लोगों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी और उन्हें जिले की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी. बुनियादी चिकित्सा सलाह और निदान के लिए अस्पताल, जिससे बड़े अस्पतालों पर बोझ कम हो." यूएचडब्ल्यूसी में एक बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) कमरा, टीकाकरण के लिए एक और कमरा, एक प्रतीक्षा और पंजीकरण क्षेत्र, एक स्वास्थ्य कक्ष और एक अलग डे केयर रूम होगा. प्रत्येक कमरे का आकार निर्धारित किया गया है. उदाहरण के लिए ओपीडी 100 वर्ग फुट का कमरा,वेटिंग रूम और रजिस्ट्रेशन 210 वर्ग फुट होगा. यूएचडब्ल्यूसी 50,000 से अधिक शहरी आबादी वाले जिलों में खोले जा रहे हैं.