लखनऊ : बीजेपी ने भले ही निकाय चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया हो, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद पार्टी में मंथन और समीक्षा का दौर भी शुरू हो गया है. यही वजह है कि निकाय चुनाव के बाद अब भाजपा में क्षेत्रीय टीमों के गठन की कवायद शुरू हो गई है. जल्द ही क्षेत्रीय टीमों की घोषणा की जाएगी. इसे लेकर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने मंथन शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय टीमों में फिलहाल आंशिक बदलाव किया जाएगा. सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए नए चेहरों को जगह दी जाएगी.


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कुछ जिलाध्यक्षों को क्षेत्र की टीम में जगह मिल सकती है. वहीं प्रदेश टीम में शामिल होने से वंचित रहे कुछ नेताओं को भी उनके क्षेत्र की टीम में जिम्मेदारी दी जा सकती है. नगर निकाय चुनाव में जिन इलाकों में पार्टी कमजोर रही है उन इलाकों के कुछ नेताओं को भी क्षेत्र की टीम में जगह मिल सकती है. नगर निकाय चुनाव के फीड बैक के आधार पर कुछ जिलाध्यक्षों को हटाया भी जाएगा. करीब 20 से अधिक संगठनात्मक जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे.


उत्तर प्रदेश शहरी निकाय चुनावों में भाजपा का दबदबा रहा. भाजपा ने राज्य के सभी नगर निगम में मेयर की सीटें जीत ली. नगर पालिका और नगर पंचायत में भी भाजपा का जलवा रहा. हालांकि इस जीत के पीछे योगी आदित्यनाथ का प्रभाव रहा है. 


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पार्टी ने निकाय चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले की तैयारी के तौर पर भी लड़ा था. अब नतीजों की समीक्षा के बाद पार्टी संगठन में नई कसावट लाने में जुटेगी. इससे पहले मार्च महीने में बीजेपी ने 18 प्रदेश उपाध्यक्ष,7 महामंत्री और 6 क्षेत्रीय अध्यक्षों की घोषणा की थी. जिला और क्षेत्र स्तर पर होने वाले बदलाव को लेकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा भी की है. 


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