लखनऊ : यूपी में अब हवाईअड्डों, मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर प्रीमियम ब्रांड की शराब मिलेगी. प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के अंतर्गत ये अनुमति प्रदान की है. नई नीति में योगी सरकार ने आबकारी विभाग से 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, लाइसेंस फीस में 10 फीसदी की वृद्धि की गई है.


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प्रदेश में वाइन प्लांट लगाने की भी इजाजद दे दी गई है. नई नीति में हर फुटकर दुकानदार को डिजिटल पेमेंट की सुविधा देना अनिवार्य किया गया है.


वहीं राज्य में जाम छलकानेवालों को अब अपने इस शौक को पूरा करने के लिए जरा ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. सरकार शराब की कीमत बढ़ाने जा रही है.  तीन हफ्ते बाद योगी कैबिनेट की बैठक मंगलवार को संपन्न हुई. कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. योगी कैबिनेट ने 19 प्रस्तावों पर मुहर लगाई. पिछली कैबिनेट की बैठक 28 नवंबर को हुई थी. 


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महंगी होगी शराब


योगी कैबिनेट ने आबकारी नीति के नए संशोधन को 31 मार्च 2025 तक लागू किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया. प्रदेश की करीब 29 हजार दुकानों का ई- नवीनीकरण होगा. फलों से शराब बनाने के लिए नियमावली में भी संशोधन को सरकार ने हरी झंडी दे दी. अब वाइन प्लांट्स में एप्पल, व्हाइट ग्रैप्स, नाशपाती से भी शराब बनाई जा सकती है. वाइन शॉप के पास की जगह लाइसेंस धारक मॉडल शॉप के तौर पर कर सकते हैं. अंग्रेजी शराब, बियर, भांग के बेसिक लाइसेंस फीस में 10 फीसद बढ़ाने पर योगी कैबिनेट ने मुहर लगाई.


शराब की कीमत बढ़ाने पर लगी मुहर


योगी कैबिनेट ने नए आबकारी नीति में चार कटेगरी तय की गई हैं. 25 प्रतिशत, 36 प्रतिशत स्ट्रेंथ की मदिरा अब शीरे से बनेंगी. ग्रेन निर्माण मदिरा में 42.8प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ 36% स्ट्रेंथ की मंजूरी. देशी शराब का कोटा 10 फीसद बढ़ाया गया है. बता दें कि कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्ताव पेश किए गए थे. सरकार ने 19 प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई. यूपी कैबिनेट की पिछली बैठक 28 नवंबर को हुई थी. कैबिनेट मीटिंग में चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट को मंजूर किया गया था. तीन हफ्ते बाद आयोजित योगी कैबिनेट ने 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.