अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तरप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बने बस अड्डों की शक्ल सूरत जल्द ही बदली-बदली नजर आएगी. आपके शहर और गांव का बस अड्डा मेट्रो स्टेशन की तरह नजर आएगा. पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों के एक-एक बस स्टेशन को मॉर्डन लुक दिया जाएगा. इन स्टेशनों को पीपीपी मॉडल से विकसित किया जाना है. परिवहन विभाग की तैयारी के मुताबिक पांच साल में 25 बस स्टेशन वैश्विक स्तर के बनेंगे. यही नहीं हर गांव को बस सेवा से जोड़ने के लिए यूपी रोडवेज अपने बेड़े में दो हजार अतिरिक्त बसें शामिल करेगा. इनमें लग्जरी बसें भी शामिल होंगी.


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सीएम के निर्देश पर तैयार हो रही स्कीम


इसके लिए परिवहन विभाग जल्दी ही प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर स्कीम तैयार कर मुख्यमंत्री के सामने पेश करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बारे में निर्देश दे चुके  हैं.विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जारी लोककल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी परिवहन निगम की सुविधाओं के बाबत प्रतिबद्धता जताई गई थी. दरअसल नये शहरों में मेट्रो, एयर कनेक्टिविटी और एक्सप्रेसवे का विस्तार हो रहा है. अलग-अलग तरह की सुविधाओं के बावजूद आज भी अधिकांश लोग परिवहन के साधन के रूप में रोडवेज बसों का ही इस्तेमाल करते हैं. एक्सप्रेसवे के विस्तार के साथ अब तो लंबी दूरी की यात्रा भी लोग रोडवेज बसों से करने लगे हैं. रोडवेज से यात्रा करने वालों की विभाग के प्रति पहली धारणा बस स्टेशन से ही बनती है. लोंगों को सुगम, सहज और सुखद परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए नीतिगत सुधार भी होंगे. इससे एक ओर जहां यूपी रोडवेज की आय बढ़ेगी वहीं लोगों को बेहतर सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. दरअसल उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग से जुड़े कई अहम फैसले पिछले कुछ सालों में लिये गए  हैं. योगी सरकार इन फैसलों के जरिए अपने चुनावी वादों को भी पूरा करना चाहती है.


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