लखनऊ : यूपी सरकार प्रदेश के मदरसों को सौगात देने जा रही है. पहले चरण में 8,449 मदरसों को मान्यता देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए 11 सितंबर को मदरसा बोर्ड की बैठक बुलाई गई है. मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि बीते दिनों शासन की तरफ से कराए गए सर्वे के दौरान जो मदरसे सामने आए थे उन्हें जल्द मान्यता दी जाएगी. इसमें तहतानिया यानी कक्षा 1 से 5, फोकानिया यानी कक्षा 5 से 8 और आलिया व उच्च आलिया यानी हाई स्कूल और इंटर की पढ़ाई वाले मदरसे शामिल हैं.


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पिछले साल किया गया था सर्वे


उन्होंने बताया कि प्रदेश में 16,000 से ज्यादा मदरसे हैं. योगी सरकार की तरफ से मदरसों की हालत में सुधार और शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के प्रयासों के चलते छात्र-छात्राओं की संख्या भी खासी बढ़ी है. संसाधन भी मिल रहे हैं. मान्यता मिलने से मदरसों की स्थिति में और सुधार होगा. पिछले साल मदरसा सर्वेक्षण के दौरान पता चला था कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 8,449 मदरसे काम नहीं कर रहे थे.  गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की अधिकतम संख्या (550) मुरादाबाद जिले में पाए गए थे. 


कुल मदरसों की संख्या
उत्तर प्रदेश में कुल 25,000 से अधिक मदरसे हैं. उनमें से 16,513 से अधिक को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन से मान्यता मिली है. इन मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं. सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा है. मदरसा बोर्ड से मान्यता होने के बावजूद पोर्टल से छूटे करीब 2,500 मदरसों के साथ मानक पूरे करने वाले अस्थाई मदरसों को भी स्थाई किया जाएगा. 2016 के बाद पहली बार बोर्ड यह प्रक्रिया करने जा रहा है.  मदरसों के सर्वे और उनकी जांच को लेकर यूपी में काफी सियासत भी होती रही है.


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