उत्तराखंड : खटीमा में किसानों का 145 करोड़ का बकाया तो मिला नहीं, पर उधम सिंह नगर में दोबारा धान खरीद में जुटीं क्रय एजेंसियां
खटीमा में धान खरीद का अभी पिछला बकाया 145 करोड़ का भुगतान नहीं हो सका है, हालांकि दीपावली और भैया दूज के बाद खरीद केंद्रों पर एक बार फिर रौनक लौट आई है.
धीरेंद्र मोहन गौड़/खटीमा : उत्तराखंड के खटीमा में पिछला धान खरीद का 145 करोड़ का भुगतान नहीं हो सका, इसके बावजूद एक बार फिर दीपावली और भैया दूज के बाद धान खरीद केंद्रों पर रौनक लौट आई है. खटीमा में अब तक 48000 कुंतल धान की खरीद हो चुकी है.
उधम सिंह नगर में होती है सबसे ज्यादा पैदावार
तराई को धान का कटोरा कहा जाता है, क्योंकि उधम सिंह नगर जनपद में सबसे ज्यादा धान की पैदावार होती है. इस कारण यहां सबसे ज्यादा राइस मिल स्थापित है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा सबसे ज्यादा सरकारी धान क्रय केंद्र उधम सिंह नगर जनपद में खोले जाते हैं. अक्टूबर माह में बेमौसम हुई बारिश से धान में नमी आने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद काफी धीमी चल रही थी, जो दीपावली के बाद तेज पकड़ ली है.
66 धान खरीद केंद्र खोले गए हैं
सरकारी क्रय केंद्रों पर किसान अब धान लेकर आने लगे हैं. खटीमा में सरकार ने 66 सरकारी धान क्रय केंद्र खोले हैं. इसमें अब तक कुल 48000 कुंटल धान की खरीद हो चुकी है. एसएमआई खटीमा जगदीश ने बताया कि सरकारी क्रय केंद्रों पर 17 फीसदी नमी वाला धान लिया जा रहा है. बेमौसम बारिश से धान में नमी आने के कारण खरीद धीमी थी. इसमें अब तेजी आई है.
खटीमा में सबसे ज्यादा खरीद
उन्होंने बताया कि मंडी समिति स्थित खाद विभाग के कार्यों में जहां 12000 कुंटल धान की तौल हो चुकी है. वहीं खटीमा क्षेत्र के अन्य कांटों पर 36000 कुंटल की तौल हो चुकी है. कुल मिलाकर खटीमा क्षेत्र में 48000 कुंटल धान की खरीद की जा चुकी है. बता दें कि खटीमा में धान खरीद का पुराना 145 करोड़ का भुगतान बकाया है. एसडीएम ने किसानों और राइस मिल मालिकों के साथ बैठक कर धान की खरीद दोबारा शुरू कराई है.
यूपी में भी खरीद जोरों पर
यूपी में भी एक अक्टूबर से धान खरीद की जा रही है. यहां कामन श्रेणी के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति कुंतल और ग्रेड ए श्रेणी के धान का समर्थन मूल्य 2060 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है. दीपावली और भैया दूज के पहले धान खरीद केंद्रों पर किसानों की भीड़ कम थी. त्योहार के बाद यहां के भी केंद्रों पर किसानों की भीड़ देखी जा रही है.