कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Legislative Assembly) में हए भर्ती विवाद को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने एक्शन किया है. उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच के लिए विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है, जिसमें जांच का अनुरोध किया है. सीएम धामी के इस कदम की विपक्ष भी सराहना कर रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुख्यमंत्री ने जांच के लिए लिखा पत्र 
इस मामले में विपक्ष का यह कहना है कि सरकार जिस तरह जीरो टॉलरेन्स की बात कह रही है, वह धरातल पर भी नजर आना चाहिए. वहीं, विधानसभा में हुई भर्तियों के मामले में मुख्यमंत्री ने जांच को लेकर पत्र लिखा है. कांग्रेस के प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि इस मामले में जांच होनी चाहिए, जो भी गलत तरीके से लगे हैं उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए. हालांकि, इस मामले में बीजेपी का कहना है कि सरकार जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम कर रही है, इस मामले में उचित कार्रवाई होगी.


बढ़ता जा रहा 72 तदर्थ नियुक्तियों का विवाद
आपको बता दें कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई, 72 तदर्थ नियुक्तियों का विवाद बढ़ता जा रहा है.  इस मामले में आरोप लग रहे हैं कि, इसमें मंत्रियों के पीआरओ से लेकर नेताओं के करीबी लोगों और चहेतों को विधानसभा में तदर्थ नियुक्ति दे दी गई. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अब, मामला दिल्ली दरबार तक जा पहुंचा. जानकारी के मुताबिक इस प्रकरण पर खुद भाजपा आलाकमान की भी निगाहें हैं. 


भाजपा शीर्ष नेतृत्व भी मांग सकता है जवाब
ऐसा माना जा रहा है कि इस संबंध में भाजपा शीर्ष नेतृत्व भी जवाब मांगेगा. हालांकि इस मामले में बीजेपी की काफी किरकिरी हुई है. हालांकि, उत्तराखंड विधानसभा में ऐसा पहला मामला नहीं है, जब भर्ती में हुई अनियमितता मामले ने इतना तूल पड़ा है, बल्कि पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में भी विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार में हुई 158 भर्तियों को लेकर, चहेतों को नियुक्ति देने के आरोप लगाए हैं.


WATCH LIVE TV