गणेश रायल/देहरादून : उत्तराखंड में गर्मियां बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में वन विभाग जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के तमाम प्रयास करती है लेकिन बावजूद इसके मैदान से लेकर पहाड़ों के जंगलों में आग को रोकना टेढ़ी खीर है. ऋषिकेश की बात करें तो पिछले साल ऋषिकेश के के आसपास आग में लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा था. हालांकि इस बार अभी तक इस तरह की घटना सामने नहीं आई है लेकिन विभाग ने आप को रोकने के लिए कमर कस ली है. आग लगने की अहम वजहों में जंगलों में सूखे पत्तों में आग लगना भी है, जिसके लिए विभाग उनको हटाने का काम कर रहा है.


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अभी हालांकि इतनी गर्मी नहीं है लेकिन बावजूद इसके जगह जगह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही है. इस संबंध में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि इस बार उन्होंने जन सहभागिता से आग को रोकने के लिए वृहद योजना बनाई है. इसके तहत ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में फायर फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई हैं. यह कमेटी पहले चरण में उन इलाकों में काम करेगी जहां ज्यादा आग लगती है. साथ ही ऐसे प्रधानों को टीम को प्रोत्साहित करने का काम भी विभाग करेगा. 


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उत्तराखंड में 15 फरवरी से 31 मार्च 2022 तक फायर सीजन में उत्तराखंड में वनाग्नि की 138 घटनाएं हुई हैं. इनमें 182.52 हेक्टेअर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. इसमें आरक्षित, सिविल और वन पंचायत क्षेत्र शामिल है. जबकि 30 अप्रैल 2022 तक आग लगने की घटनाएं 1791 हो गईं और 2891.29 हेक्टेअर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.


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