लखनऊ के `खास` लहंगे ने उत्तराखंड में तुड़वाई शादी, वजह जान आप भी रह जाएंगे हैरान
उत्तराखंड के हल्द्वानी की घटना. इसी साल जून महीने में धूमधाम से हुई थी दोनों की सगाई. जानें पूरा मामला.
हल्द्वानी : शादियां टूटने के कई कारण होते हैं. कई बार कारण जायज होते हैं तो कई बार बिना वजह ही टूट जाते हैं. उत्तराखंड के हल्द्वानी में हाल ही में टूटी एक शादी चर्चा का विषय बन गई है. चर्चा कारण भी क्यों न हो, कारण जानकर आप भी चौंक जाएंगे. दरअसल, शादी में सस्सा लहंगा लाने से नाराज लड़की ने शादी तोड़ दी.
नवंबर में होनी था शादी
हल्द्वानी की रहने वाली एक युवती की शादी अल्मोड़ा के रहने वाले युवक से तय हुई थी. जब शादी तय हुई तब सबकुछ मनमुताबिक चल रहा था. यही वजह रही कि इसी साल जून में दोनों की धूमधाम से सगाई की. तबतक भी सबकुछ सही चल रहा था. इस बीच घर वालों ने नवंबर में दोनों की शादी की डेट तय कर दी. नवंबर महीने में दोनों की शादी होने वाली थी, दोनों पक्षों ने खरीदारी भी शुरू कर दी. रस्म की वजह से लड़की वालों ने लड़कों से लहंगा मंगवाया लिया.
10 हजार के लहंगे को सस्सा बताया
लड़कों वालों ने लड़की के लिए अपनी पसंद का लहंगा खरीदकर दुल्हन के घर पहुंचा दिया. लड़के वालों के मुताबिक लहंगा खूबसूरत था. हालांकि यह खूबसूरत लहंगा लड़की को पसंद नहीं आया. लड़की ने लहंगे की कीमत जानने की कोशिश की, जब लड़की को लहंगा का दाम पता चला, तो बवाल खड़ा हो गया. लड़की का कहना है कि लड़के वाले 10 हजार का सस्ता लहंगा लाए थे. इसलिए वह शादी तोड़ रही है. वह उस लड़के से शादी नहीं करेगी. लड़की द्वारा शादी से इनकार करने पर लड़के वाले भी नाराज हो गए.
कोतवाली तक पहुंचा मामला
दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मामला हल्द्वानी कोतवाली तक पहुंच गया. जब पुलिस ने पूछताछ की तो असली वजह जानकर पुलिस भी हैरान हो गई. लड़की ने सस्सा लहंगा लाने की वजह से रिश्ता तोड़ दिया. यहां पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया. बता दें कि लड़के और लड़की दोनों पक्षों ने शादी का कार्ड छपवा लिया था. साथ ही दोनों पक्षों की तरफ से शादी की सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं. हालांकि लड़की शादी के लिए तैयार नहीं है.
लखनऊ से मंगवाया था लहंगा
लड़के पक्ष का कहना है कि उन्होंने खास लहंगा लखनऊ से मंगवाया था. उन्होंने अपनी तरफ से अच्छा और महंगा खरीदा था. वहीं, पुलिस का कहना है कि दोनों पक्ष कोतवाली आए थे. दोनों पक्षों को समझाया गया. इसके बाद दोनों पक्षों को घर भेज दिया गया.