सतीश कुमार/उधम सिंह नगर: काशीपुर की सड़कों पर इन दिनों मृत मवेशी बीमारियों को न्योता देते दिखाई दे रहे हैं. काशीपुर की सड़कों पर लोगों का चलना दूभर हो चुका है, मरे हुए मवेशियों की दुर्गंध की वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. स्कूली बच्चों का स्कूल आना-जाना मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन ना जिम्मेदार अधिकारी इस तरफ ध्यान दे रहे हैं, न ही जनप्रतिनिधि. मरने के बाद भी आम लोगों को मार मवेशी मार रहे हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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काशीपुर की कुंडेश्वरी रोड का मामला
काशीपुर नगर निगम क्षेत्र भले ही स्वच्छता के लाख दावे क्यों न करता हो, लेकिन काशीपुर की कुंडेश्वरी रोड इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. नगर निगम क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क किनारे मृत मवेशी पड़े रहते हैं, जिसमें से दुर्गंध आती है. इसके चलते सड़क हादसे भी होते है. दुर्गंध के चलते लोग अपने वाहनों की गति बढ़ा देते हैं, जिससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. दरअसल, इस इलाके में काफी स्कूल भी हैं, स्कूली बच्चों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं मरे हुए पशु से उठने वाली दुर्गंध वातावरण को प्रदूषित करती है.


सड़क से गुजरने वाले लोगों बदबू से परेशान
वहां, आस-पास से गुजरने वाले लोगों को इसकी बदबू से दो-चार होना पड़ता है. कुछ समय बाद हवा के साथ बदबू काफी दूर तक पहुंचती है. वहीं, मरे हुए पशु को खाने वाले कुत्ते मांस व हड्डियों को काफी दूर तक फैला देते हैं, जिससे आमजनों की परेशानी बढ़ती जा रही हैं. शिकायत और सूचनाओं के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती नजर नहीं आ रही है.


जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे ठोस इंतजाम
सड़कों पर गुजरना लोगों के लिए दूबर होता जा रहा है. मरे हुए मवेशी सड़क किनारे बने बीमारी और हादसों को न्योता देते हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन नगर निगम और जिम्मेदार अधिकारियों के पास अभी भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं या यू कहें की समय भी है. सूचना शिकायतों के बाद भी लोगों को इस परेशानी से निजात नहीं दिलाया जा रहा हैं. जब इस पूरे मामले में काशीपुर महापौर उषा चौधरी से पूछा गया तो क्या कुछ कहा अपनी सफाई में आप खुद सुनिए.


लोगों की शिकायत के बावजूद बनी हुई है समस्या
लोगों की शिकायत और सूचनाओं के बाद भी अधिकारी लोगों की समस्याओं से निजात दिलाने में सक्षम नहीं है, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते लोगों को मुफ्त में बीमारियां मिल रही हैं. फिलहाल, काशीपुर की स्थिति को देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कि दफ्तरों में बैठे अधिकारी किस तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. चुने हुए जनप्रतिनिधियों को काशीपुर के लोगों से कितना प्यार है.