वाराणसी: जिला कार्यक्रम अधिकारी डी.के.सिंह ने बताया कि प्राइमरी विद्यालयों की तर्ज पर अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी आने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों को प्री स्कूल शिक्षा स्मार्ट तरीके से प्रदान की जाएगी. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीवी सेट, टीचर लर्निंग मैटेरियल और प्री स्कूल किट के साथ साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है. 


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उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी सेंटर के रूप में विकसित करने का फरमान जारी होने के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के नेतृत्व एवं निर्देशन में आंगनबाड़ी केंद्रों का नवीनीकरण शुरू कर दिया गया है. इस योजना के अंतर्गत इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में जनपद के जनपद के 500 आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है. स्मार्ट क्लास की स्थापना में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर 102 सेंटीमीटर साइज का एक टेलीविजन और 500 वाट का सोलर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं. 


शैक्षिक विषय को रोचक और बोधगम्य बनाने के लिए विकास सहयोगियों के माध्यम से टीचिंग मटेरियल तैयार कराया गया है, जिसमें कहानियां, भाव गीत, फिजिकल एक्टिविटी को कार्टून के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसका प्रशिक्षण सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग तथा आईसीडीएस के विकास सहयोगी वेदांता फाउंडेशन द्वारा दिया गया है. 


बता दें कि यह व्यवस्था जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अथक प्रयास से वेदांता फाउंडेशन द्वारा सीएसआर फंड के अंतर्गत की जा रही है. वर्तमान में 302 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सारी सुविधा उपलब्ध करा दी है और बाकी 198 केंद्रों पर कार्य प्रगति पर है. पहले चरण में जिन केंद्रों पर यह व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है, उसमें सेवापुरी के 73 केंद्र, आराजीलाइन के 92 केंद्र, हरहुआ के 27 केंद्र, काशीविद्यापीठ के 47 केंद्र, पिंडरा के 22 केंद्र, बड़ागांव के 20 केंद्र, चोलापुर के 13 तथा चिरईगांव के 8 केंद्र सम्मिलित हैं. स्मार्ट क्लास की स्थापना से आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है और बच्चों का ठहराव भी बढ़ा है. वह पूरी रुचि के साथ 4 घंटे आंगनबाड़ी केंद्र पर बैठे रहते हैं. 


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