Vivah Muhurat 2021-22: 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ इस साल एक बार फिर शादी की शहनाइयां बजनी शुरू हो गई हैं. हिंदू धर्म में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत अहमियत दी जाती है. जानें नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक के शादी के लिए शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं.


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यह रहेंगे शादी के शुभ मुहूर्त


नवंबर में शुभ मुहूर्त


19,20,21,26,28,29
दिसंबर में शुभ मुहूर्त


1,2,5,7,12,14 


जनवरी 2022
22,23,24 और 25 तारीख को शुभ मुहूर्त
फरवरी 2022 
5,6,7,9,10,11,12,18,19,20 और 22 तारीख को विवाह के लिए शुभ हैं
मार्च 2022 
मार्च 2022 में विवाह के सिर्फ दो शुभ मुहूर्त हैं. इस माह 4-9 तारीख को शादी के शुभ मुहूर्त
अप्रैल 2022 
अप्रैल 2022 की 14, 15, 16, 17,19, 20, 21, 22, 23, 24 और 27 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.--


14 दिसंबर से मलमास के चलते फिर लग जाएगा ब्रेक
नवंबर 2021 से लेकर अप्रैल 2022 तक शादियों के लगभग 45 मुहूर्त हैं. हालांकि December में मलमास लगने के कारण शादियों पर एक बार फिर से ब्रेक लग जाएगा. 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास के कारण शादियों पर ब्रेक लग जाएगा. सनातन धर्म और ज्‍योतिष में मलमास के दौरान शादी समेत सभी शुभ कार्यों को वर्जित बताया गया है. हालांकि मलमास खत्‍म होते ही एक बार फिर से साल 2022 में शादियां शुरू हो जाएंगी.  


कोरोना के चलते लगी हुई थी पाबंदियां
बीते दो साल से कोरोना महामारी के चलते शादियों का मौसम फीका रहा. कोविड काल में न ता बाजारों में रौनक थी और न ही शादियों का मजा. लेकिन फिलहाल कोरोना संक्रमण नियंत्रण में होने की वजह से हालात अभी सुधरे हुए हैं. लोग भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं. शादी समारोह में अब मेहमानों के आने पर लगी हुई पाबंदियां भी हट चुकी हैं. 



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कितने दिनों के हैं शादी के मुहूर्त
इस सीजन में 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद 15 नंवबर को और आखिरी मुहूर्त 13 दिसंबर को है. इस हिसाब से इन आगामी 2 महीनों में सिर्फ 15 शुभ मुहूर्त ही हैं. यानी कि ये शुभ मुहुर्त हम आपको इस साल के बता रहे हैं. जबकि अगले साल 15 जनवरी 2022 से शुभ मुहूर्त फिर से प्रारंभ होंगे.


जानें क्या होता है मलमास?


हिन्दू पंचांग में 12 महीने होते हैं. इसका आधार सूर्य और चन्द्रमा होता है. सूर्य साल के 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र साल के 354 दिनों का माना जाता है. इन दोनों के बीच करीब 11 दिनों का अंतर होता है. यह फर्क 3 साल में एक महीने के बराबर हो जाता है. इसी फासले को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है. बढ़ने वाले इस महीने को ही अधिक मास या मलमास कहा जाता है. इस महीने सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.


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