लखनऊ : साल भर से विवादों में घिरी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रविवार को निलंबित कर दिया. दरअसल 3 दिन पहले 21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे. इसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह (Sanjay Singh) नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चुनावी नतीजों के बाद बृजभूषण के करीबी की जीत के विरोध में ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था. वहीं पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) ने भी पद्मश्री लौटा दिया था. गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर सबको चौका दिया था. खिलाड़ियों द्वारा मेडल वापसी के अभियान ने इस मामले को और भी सियासी रंग दे दिया.


इससे पहले WFI की पिछली बॉडी में बृजभूषण के अध्यक्ष रहते संजय सिंह संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) थे. संजय सिंह चुनाव में कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता सिंह श्योराण को हराकर नए अध्यक्ष बने थे. संजय की जीत के बाद बृजभूषण के बेटे ने कहा था कि ''हमारा दबदबा पहले था और आगे भी रहेगा.''


संजय सिंह का ये बयान बना वजह!


नए अध्यक्ष की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी. गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है. रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है. मीडिया से बातचीत के दौरान भी संजय सिंह ने बृजभूषण सिंह की तारीफ में काफी कसीदे पढ़े थे.