मनीष गुप्ता/आगरा : निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान 4 मई को होना है. पिछले 34 साल से आगरा नगर निगम में भाजपा का कब्जा चला आ रहा है. ऐसे में जहां भाजपा के लिए अपना किला बचाये रखने की चुनौती है वहीं दूसरे दलों के लिए बीजेपी का गढ़ जीत लेने की जद्दोजहद है.मेयर पद के लिए कांग्रेस ने लता कुमारी और सपा ने जूही प्रकाश को अपना प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही पार्टियों के नेता अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. सपा यादव-मुस्लिम फेक्टर पर दांव खेल रही है. वहीं कांग्रेस सर्व समाज के बूते जीत का दावा कर रही है.


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बीजेपी ने पूर्व विधायक पर लगाया दांव
निकाय चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए भाजपा ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. यही वजह है कि भाजपा ने एससी महिला सीट हो जाने के बाद पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह पर दांव लगाया है. 2017 में जनरल पुरुष सीट होने पर नवीन जैन चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. इस बार हेमलता दिवाकर के जरिये दिवाकर औऱ कुशवाह वोट को साधने का काम किया है. इसके अलावा दलित वोट पर भी भाजपा निगाह गड़ाए बैठी है. भाजपा महानगर अध्यक्ष भानु महाजन भाजपा का कमल खिलने का दावा करते नजर आ रहे हैं. 


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दलितों की राजधानी में बीएसपी का क्या होगा?
बहुजन समाज पार्टी ने लता वाल्मिकी को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा है. आगरा को दलितों की राजधानी भी माना जाता है. पिछले चुनावों में बसपा दूसरे नंबर पर आती रही है. पिछले 20 सालों से बसपा भाजपा का किला भेदने को छटपटा रही है. इस लता वाल्मीकि की जरिये बसपा ने जीत का ताना बाना बुना है. बसपा के रणनीतिकारों के मुताबिक, इस बार बसपा को दलितों के अलावा मुस्लिम और अन्य समाज का वोट भी मिलेगा. ऐसे में बसपा जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है.


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