अजय कश्यप/बरेली: यूपी के बरेली में दरगाह आला हजरत के उर्स में इस बार महिलाओं के आने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी ने उर्स में आने वाले सभी जायरीन से अपील करते हुए कहा कि अकीदतमंद अपने साथ महिलाओं को न लाएं. इस साल आला हजरत का तीन रोजा उर्स 21 सितंबर से शुरू हो रहा है. 


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महिलाओं के आने पर पाबंदी
बरेली में होने वाले उर्स ए आला हजरत में पूरी दुनिया से जायरीन आते हैं.  ख़ानक़ाह-ए-रज़विया की रिवायत भी रही है कि यहां कभी उर्स में शिरकत करने महिलायें नहीं आती. साथ ही महिलाओं से ये भी कहा गया है वो लोग अपने-अपने घरों में ही उर्से रज़वी मनाएं. 


औरतों को मज़ारों पर जाने और हाज़री देने से मना फरमाया
जो लोग नहीं आ सकते उनके लिए दरगाह की ओर से लाइव ऑनलाइन ऑडियो प्रसारण की व्यवस्था दरगाह की वेबसाइट पर हर साल की जाती है. इस साल भी यही व्यवस्था रहेगी. उन्होंने कहा कि मज़हब-ए-इस्लाम औरतों को पर्दे में रहकर घर में ही इबादत करने का हुक्म देता है. जब औरतों को मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त नहीं तो फिर मज़ारों पर हाज़री की कैसे इजाज़त दी जा सकती है. मुफ्ती अहसन मियां ने आला हजरत का हवाला देते हुए कहा कि आला हजरत ने औरतों को मज़ारों पर जाने और हाज़री देने से मना फरमाया.


इस्लामिया मैदान व दरगाह में होंगे कार्यक्रम


इस्लामिया मैदान और दरगाह परिसर में दरगाह प्रमुख की सरपरस्ती व सज्जादानशीन की सदारत में अदा किए जाएंगे.  देश विदेश के शायरों को इसी मिसरे पर अपने अपने कलाम पेश करने होगें. उर्से रजवी का आगाज 21 सितम्बर बुद्ध को परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा. परचम कुशाई की रस्म दरगाह प्रमुख हजरत सुब्हानी मियां के दस्त - ए - मुबारक से अदा की जाएगी. 21 September को उर्स के दौरान मुशायरे का आयोजन भी किया गया है. आला हजरत के कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का समापन होगा.


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