Yamuna river cross danger mark: राजस्थान के कोटा बैराज और धौलपुर से कई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का रौद्र रूप दिखने लगा है. नदी में उफान के बाद उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. कालपी की यमुना नदी ने अपने खतरे के निशान 108 मीटर को पार कर लिया है. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट है और एनडीआरएफ की टीमें जालौन के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच गई हैं.


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हमीरपुर जिले में भी बेतवा व यमुना नदी ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. डीएम ने अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ से निपटने के लिए सभी को सतर्क रहने के निर्देश दिए. बताया जा है कि यमुना के बढ़े जलस्तर से एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हो सकते हैं.


यमुना व बेतवा से जुड़े जिलों में बाढ़ से अलर्ट रहें: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यमुना, बेतवा और चंबल में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को लेकर आसपास के इलाकों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए सीएम ने बुधवार देर रात जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए गांवों और शहरों में लोगों की सुरक्षा के इंतजाम कर लिए जाएं. सीएम ने बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/ पीएसी तथा आपदा प्रबंधन की टीमें को 24 घंटे सक्रिय रहने को कहा है.


आगरा, प्रयागराज और वाराणसी में भी बाढ़ जैसे हालात
प्रयागराज में गंगा-यमुना में बाढ़ की आशंका दिखाई दे रही है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के बांधों से छोड़े जा रहे पानी से यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. बताया जा रहा है कि इन राज्यों में स्थित बांधों व बैराजों से लगभग 20.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे संगम नगरी में यमुना नदी खतरे का निशान पार कर सकती है और लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं.