UP Cabinet News : योगी सरकार शहरी क्षेत्रों में दो तरह के नए शुल्‍क वसूलेगी. प्रस्‍तावित महायोजना में भू-उपयोग बदलने पर नगरीय उपयोग प्रभार शुल्‍क और मेट्रो सिटी में विशेष सुविधा शुल्‍क लिया जाएगा. यूपी सरकार इन शुल्‍कों को विकास प्राधिकरण की मदद से वसूलेगी. योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैबिनेट में यह लिया गया फैसला 
दरअसल, आवास विभाग द्वारा तैयार किए गए उप्र नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 (संशोधन) अध्यादेश, 2023' को बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है. बता दें कि बसपा सरकार ने एक्ट में संशोधन करते हुए यह प्रावधान कर दिया था कि नई महायोजना बनने पर यदि जमीन का भू-उपयोग बदलता है तो उस जमीन पर बने निर्माण को बिना शुल्क लिए ही नियमित कर दिया जाएगा. 


अधिकारियों से मिलीभगत कर लगाते थे चूना 
इसके चलते बड़ी संख्या में लोग विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलीभगत करते दूसरे भू-उपयोग की भूमि पर आवासीय या व्यावयायिक निर्माण करा लेते थे. इसके बाद नई महायोजना में उसे नियमित करा लेते थे. ऐसा करने पर सरकार को राजस्‍व का चूना लग रहा था. अब योगी सरकार ने एक्‍ट में बदलाव कर नया अध्यादेश ला दिया है. 


प्रदेश के 59 शहरों में चल रहा काम 
बता दें कि केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत वर्तमान में प्रदेश में 59 शहरों की जीआईएस आधारित महायोजना तैयार की जा रही है. मौजूदा अधिनियम में महायोजना में किसी जमीन का भू-उपयोग उच्‍चीकृत होने पर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्‍क लेने की सुविधा नहीं थी. तमाम ऐसे निर्माण सामने आए हैं, जो भू-उपयोग के विपरीत बने हुए हैं. इसको देखते हुए ही सरकार ने अध्‍यादेश लाया कि प्रस्तावित महायोजना में भू-उपयोग के विपरीत बने निर्माणों को नियमित करने के लिए विकास प्राधिकरणों द्वारा 'नगरीय उपयोग प्रभार' वसूला जाएगा. 


WATCH: UCC पर बाबा बागेश्वर धाम के पंड़ित धीरेंद्र शास्त्री ने कही बड़ी बात