बागेश्वर/योगेश नगरकोटी: पहाड़ के किसान पहले सिर्फ पारंपरिक खेती को ही भरोसेमंद मानते थे, लेकिन बदलते वक्त और बाजार में विदेशी सब्जी और फलों की डिमांड को देख किसानों ने नई फसलों की ओर रुख किया है. इससे किसान को आमदनी का नया जरिया मिल रहा है. उत्तराखंड में कीवी की खेती का रकबा तेजी से बढ़ रहा है. कीवी की बढ़ती मांग को देखते हुए बागेश्वर में इसकी बागवानी बहुत बड़े स्तर पर हो रही है. कमाई के हिसाब से यह फल सेब से भी ज्यादा आमदनी देने वाला है.


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बढ़ रहा कीवी का रकबा


उद्यान अधिकारी आरके सिंह के मुताबिक बागेश्वर में किसानों ने कीवी की खेती शुरू की शुरुआत में उन्हें कुछ दिक्कतें आईं. लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने कीवी को बेहतर आय का जरिया बना लिया. आज कई किसान ऐसे हैं जिनका कीवी की पैदावार से जिनका सालाना टर्नओवर 15 लाख रुपये से अधिक है. वर्तमान में किसान कीवी से लाखों रुपये सालाना का कारोबार कर रहे हैं. कीवी का क्षेत्रफल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. पिछले साल 30 हेक्टेयर में कीवी लगाई गई थी. इस बार 60 हेक्टेयर में प्लांटेशन हो चुका है. पिछले साल 600 क्विंटल पैदावार हुई थी. इस साल एक हजार क्विंटल उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही थी. 


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नौकरी के साथ खेती का भी काम


कीवी की खेती करने वाले भवान सिंह कोरंगा के मुताबिक पहाड़ के पढ़े-लिखे और प्रोफेशनल युवा कीवी फार्मिंग के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं. कीवी की खेती को लेकर कई स्टार्टअप आगे बढ़ रहे हैं. खास बात यह है कि कीवी की खेती में लगे ऐसे युवाओं की संख्या काफी है जो नौकरी के साथ-साथ कीवी उत्पादन में हाथ अजमा रहे हैं. पहाड़ में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं. नकारात्मक सोच वाले लोगों को बागेश्वर के इन किसानों से सीख लेनी की जरूरत है.