Unnao: जिला पंचायती राज विभाग में कर्मचारियों की मनमानी, हर काम के लिए वसूली का आरोप
Zila Panchayati Raj: जी मीडिया के पास उन्नाव के डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू द्वारा पंचायती राज निदेशक को लिखा गया वह पत्र भी मौजूद है, जिसमें लिखा गया है कि भुगतान की एवज में रुपए की मांग की जाती है.
ज्ञानेंद्र प्रताप/उन्नाव: एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचारियों पर नकेल कस कर जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी दूसरी तरफ कुछ सरकारी अब भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्नाव की जिला पंचायती राज विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत लंबे समय से मिल रही है. बताया जा रहा है कि यहां हर काम के रेट तय हैं. आरोप है कि जिला पंचायती राज विभाग के अपर जिला परियोजना प्रबंधक ( एडीपीएम) ब्लॉक और गांव स्तर के कर्मियों की मदद से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं.
हर काम के रेट हैं तय
ग्राम पंचायतों में जिला पंचायती राज विभाग के माध्यम से विकास कार्य कराए जाते हैं. विकास कार्य होने के बाद इन कार्यों का भुगतान किया जाता है. आरोप है कि उन्नाव में जिला पंचायती राज विभाग में कार्यरत अपर जिला परियोजना प्रबंधक श्याम सिंह गांव में भुगतान के एवज में रुपए मांगता है. बताया जाता है कि श्याम सिंह बाकायदा संबंधित कर्मचारी को व्हाट्सएप कर करता है कि किस काम के कितने रुपये देने पड़ेंगे. वह संबंधित कर्मी को बार कोड भेजता है कि स्कैन कर पेमेंट कर दो. हर काम की कीमत निर्धारित है, काम का पैसा पड़ता है. सवाल है कि क्या वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है. या फिर वह अनजान बने हुए हैं.
उन्नाव डीपीआरओ के पास हैं भ्रष्टाचार के सबूत
जी मीडिया के पास उन्नाव के डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू द्वारा पंचायती राज निदेशक को लिखा गया वह पत्र भी मौजूद है, जिसमें लिखा गया है कि भुगतान की एवज में रुपए की मांग की जाती है. इतना ही नहीं पत्र में यह भी लिखा है कि कार्यालय के अन्य कई कर्मियों ने बाकायदा शपथ पत्र देकर बताया कि किस कदर कार्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है. यह पत्र एक महीना पहले लिखा गया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में सवाल यह उठता है की डीपीआरओ के पास भ्रष्टाचार के सबूत मौजूद हैं. कार्यालय के कर्मचारी शपथ पत्र भी बता रहे हैं कि किस तरीके से पैसों की उगाही की जाती है. पैसे मांगने की स्क्रीनशॉट मौजूद हैं बावजूद इसके सरकारी धन के बंदरबांट पर नकेल कसने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा.