लखनऊ: उत्तराखंड के जोशीमठ के रेणी में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही की खबर है. तबाही में कई लोगों के बहने की खबरें आ रही हैं. इसके अलावा इस तबाही में भारी आर्थिक नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है. प्रशासन मौके पर है, राहत और बचाव का काम जारी है. गृह मंत्रालय इन हालातों पर पूरी नजर बनाए हुए है. उत्तराखंड के हालातों पर नजर बनाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की. 


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उत्तराखंड में फिर ताजा हुईं 2013 केदारनाथ त्रासदी की यादें, चमोली में ग्लेशियर टूटा, विकराल हुई अलकनंदा


पीएम और गृह मंत्री की हालातों पर नजर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की और चमोली हादसे की जानकारी ली. पीएम मोदी ने हादसे के बाद ट्वीट कर कहा, 'उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं. भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं.'



 


अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा- उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के बारे में मैंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, DG ITBP और DG NDRF से बात की है. सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गईं हैं. देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी.



 


चमोली  हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चिंता जताई है.  उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि -उत्तराखंड के जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से उस क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के समाचारों से बहुत चिंता हुई है. मैं लोगों की सुरक्षा और सेहत के लिए प्रार्थना करता हूं. मुझे विश्वास है कि मौके पर राहत एवं बचाव कार्य पूरी तैयारी से चलाए जा रहे हैं.



जोशीमठ से आगे ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार आपदा प्रबंधन और चमोली के जिलाधिकारी से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं. प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करके जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं. 



उत्तराखंड में बांध टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के संबंधित विभागों और अफसरों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है. सीएम ने कहा कि है हालात पर मुस्तैदी के साथ पूरी नजर रखी जाए. इतना ही नहीं SDRF को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके साथ सीएम ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में हम सब साथ खड़े हैं.



 


उत्तर प्रदेश के सीएम कार्यालय की तरफ से ट्वीट कर जानकारी दी है कि, "यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों एवं SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए हैं"



 


अफवाहों से बचे, हेल्पलाइन पर करें कॉल- Cm Rawat


इस बीच कुछ लोगों के बहने की खबरों को लेकर सीएम सिंह रावत ने कहा कि किसी भी तरह अफवाहों पर ध्यान न दें. सरकार आवश्यक कदम उठा रही है. उत्तराखंड सरकार ने आपातकालीन नंबर जारी कर दिया है. सीएम ने कहा है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें. कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं.


चमोली हादसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा- चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है।. मेरी संवेदनाएं उत्तराखंड की जनता के साथ हैं. राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें. कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएं.


 



बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा- उत्तराखंड के चमोली जिले में अकस्मात ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर प्रशासन सजग है. मुख्यमंत्री @tsrawatbjp जी स्वयं राहत एवं बचाव कार्य देख रहे हैं. @BJP4UK अध्यक्ष बंशीधर जी से भाजपा कार्यकर्ताओं को पीड़ितों की मदद व प्रशासन के सहयोग में लगाने का आग्रह किया है.


 


 



चमोली के रैनी गांव में ग्लेशियर फटने से हरिद्वार हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है. घटना की सूचना प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है. बांध टूटने से नदी जल स्तर बढ़ने की आशंका है. इसे देखते हुए टिहरी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का आदेश दिया है. वहीं देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है. नदी किनारे बस्तियों में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में ले जाने का आदेश प्रशासन ने जारी किया है. नदी किनारे खनन पट्टों पर काम करने वाले लोगों को हटाया जा रहा है.


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