उत्तराखंड सरकार अब किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट में चीन के उपकरण नहीं लगाएगी. उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए बाकायदा नीति भी बना ली है. एक अनुमान के मुताबिक अभी तक उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग,किसी न किसी रूप में 100-150 करोड़ रुपए का सामान चीन से खरीदता रहा है लेकिन अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर रोक लगाने की नीति बना ली है. 


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सरकारी प्रोजेक्ट में नहीं लगेगा चाइनीज सामान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमने एक नीति के तहत तय किया गया है कि चीन की कम्पनियों का सामान किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट में नहीं लगेगा. उत्तराखंड में ऊर्जा विभाग के तीन निगम हैं. इन तीनों निगमों में कई ऐसे उपकरण हैं जिनकी सप्लाई चीन की कंपनियां करती हैं. सरकार ने अब ऐसे उपकरणों का भारतीय विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है.


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ऊर्जा विभाग तैयार कर रहा है रिपोर्ट
उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन के एमडी अतुल अग्रवाल का कहना है कि इसको लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. चीन से आने वाले सामान की लिस्ट तैयार की जा रही है. चीन का जो सामान उत्तराखंड में निगम के पास पहुंच गया है उसका क्या किया जाना है इसपर भी आने वाले कुछ दिनों में फैसला होना है. ऊर्जा विभाग के दूसरे निगम उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन के एमडी बी सी के मिश्रा का कहना है कि सीधे किसी भी चाइनीज कम्पनी को कभी भी काम नहीं दिया जाता, लेकिन विभाग में कौन भारतीय ठेकेदार क्या सप्लाई कर रहा है इसको लेकर कोई ठोस जानकारी अभी नहीं है.


नए सिरे से हो सकता है आवंटन
हालांकि मुख्यमंत्री के ऐलान से पहले ही ऊर्जा निगमों में चीन का सामान इस्तेमाल नहीं करने को लेकर अघोषित फरमान भी जारी हो चुका है. ऊर्जा विभाग में जो भी ठेकेदार काम करते हैं, वो भी अपने प्रोजेक्ट की लागत कम करने के लिए चीन से बने उपकरण इस्तेमाल करते हैं. हालांकि अब सभी को विभाग ने बता दिया है कि सरकारी प्रोजेक्ट में चीन का कोई सामान नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में आने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए विभाग भी नए सिरे से अपनी तैयारियों में जुट गया है. कई ऐसे ठेके निरस्त किए जा सकते हैं जिनमें चीन के बने उपकरण लगाए जाने वाले थे.


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