कुलदीप नेगी/देहरादून: अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में बॉर्डर टूरिज्म से उत्तराखंड में पर्यटन की तस्वीर बदल जाएगी. साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे. पर्यटन प्रदेश के नाम से जाने-जाने वाले उत्तराखंड में बॉर्डर टूरिज्म पर केंद्र व राज्य दोनों सरकारों का फोकस है. केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है, ताकि देश के लोग सीमांत क्षेत्रों तक भी जा सके.


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अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते हैं उत्तराखंड के 3 जिले
दरअसल, पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी की एक मजबूत रीढ़ है. उत्तराखंड के 3 जिले जिसमें चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती हैं. एक तरफ सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से यह तीनों ही जिले बेहद महत्वपूर्ण हैं. वहीं, दूसरी तरफ इन जिलों के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं. 


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सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीमा क्षेत्रों के गांवों को आबाद रखना राज्य सरकार के लिए भी सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि अब इसपर गंभीरता से काम किया जा रहा है. इसलिए उत्तराखंड में बॉर्डर टूरिज्म के क्षेत्र में काम हो, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले और सीमांत क्षेत्रों के गांव भी आबाद रहें.


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चमोली की नीति और माणा घाटी बेहद खूबसूरत 
मंत्री ने बताया कि चमोली जिले में नीति और माणा घाटी बेहद खूबसूरत हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तरकाशी में नेलांग घाटी का अपना अलग ही आकर्षण है. इसी तरह से पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र जो कैलाश मानसरोवर यात्रा के भी महत्वपूर्ण पड़ाव हैं, वह भी पर्यटन के लिहाज से काफी अहमियत रखते हैं. फिलहाल देखना है कि बॉर्डर टूरिजम के जरिए उत्तराखंड की तस्वीर कब तक बदलेगी.


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