हेमकान्त नौटियाल/उत्तरकाशी: राखी का त्योहार आने वाला है, इससे पहले उत्तरकाशी (Uttarkashi) में गाय के गोबर से फैंसी राखियां बनाई जा रही हैं. देव भूमी में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए गाय के गोबर से वैदिक राखियां (Cow Dung Rakhi Uttarkashi) बनाने का काम कर रहे है. इससे 4-5 अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है. इतना ही नहीं अजय बडोला (Ajay Badola) और उनके साथ जुड़ी महिलाएं वैदिक राखियां, दीये, धूपबत्ती, हवन सामग्री और गाय के गोबर से मूर्तियां भी बनाते हैं.


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गाय के गोबर से ऐसे हो रहा स्वरोजगार
आपको बता दें कि गाय के गोबर से भी स्वरोजगार ( Self Employed ) किया जा सकता है. अजय प्रकाश बडोला गाय के गोबर से धूपबत्ती, हवन सामाग्री, कंडे, दीपक बनाने के बाद, पिछले साल से रक्षाबंधन ( Rakshabandhan Special ) के पावन पर्व पर वैदिक राखी बनाया था. जिसके बाद इस बार रक्षाबंधन से पहले वह गाय के गोबर से फैंसी राखियां बनाने का काम कर रहे हैं. 


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गोबर का कलाई से होता है, जिससे हैं काफी लाभ
आपको बता दें कि गाय के गोबर से स्वरोजगार की और भी तरह की नई शुरुआत हो रही है. जानकारी के मुताबिक अजय प्रकाश बडोला (Ajay Prakash Badala) ने अपने साथ 5 लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा है. जो वाकई काबिले तारिफ हैं, अजय प्रकाश बडोला ने बताया कि गोबर की राखी से स्वरोजगार तो मिलता है. वहीं, गाय के गोबर से बनी वैदिक राखियों (Vedic Rakhis ) को पहने से गोबर का कलाई से स्पर्श (Dung Rakhis) होता है, जिससे राखी पहनने वाले लोगों को काफी लाभ मिलता है.


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