उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में बाघ का खतरा इतना बढ़ गया है कि प्रशासन को रिखणीखाल और धुमाकोट विकासखंड के 24 गांवों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा है. प्रशासन ने 17 और 18 तारीख को सभी स्‍कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने के आदेश दिए हैं. रविवार देर रात इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के द्वारा आदेश जारी कर दिया गया था. स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले 4 दिनों में बाघ इस क्षेत्र में दो बुजुर्ग व्यक्तियों को निवाला बना चुका है. 


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प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में उप जिलाधिकारी लैंसडाउन को बाघ प्रभावित क्षेत्रों में अधिक संवेदनशील घरों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को प्रभावित गांव में मवेशियों के लिए चारा पत्ती की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. 


बरामद किया गया बुजुर्ग का अधखाया शव
ग्राम भैड़गांव निवासी रणवीर सिंह नेगी  जिनकी उम्र 80 वर्ष बताई जा रही है. रणवीर सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक थे और घर में अकेले ही रहते थे. स्वजनों ने बताया कि वो उनको शनिवार की शाम से ही फोन कर रहे थे लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. स्वजनों ने रविवार की सुबह फिर फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. जिसके बाद स्वजनों ने गांव में अन्य किसी को फोन कर घर जाकर उनकी स्थिति का पता लगाने को कहा. रणवीर सिंह को घर पर ना पाकर गांव वालों ने उनकी खोजबीन शुरू की. गांव से गदेरे की ओर जा रहे कुछ ग्रामीणों को रास्ते में खून के निशान नजर आए.


इसके बाद यह खबर आग की तरह फैल गई और दूसरे गांवों के लोग भी रणवीर सिंह की खोज के लिए आ गए. काफी मशक्कत के बाद दोपहर करीब 1 बजे ग्रामीणों को गांव से करीब 2 सौ मीटर दूर नदी किनारे रणवीर सिंह का शव मिला. ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद धुमाकोट थाने से थाना प्रभारी दीपक तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई.  थाना प्रभारी ने बताया कि गुलदार ने रणवीर सिंह का आधा शव खाया हुआ था. 


क्षेत्र में अभी भी सक्रिय है गुलदार
नैनीडांडा प्रखंड में धुमाकोट, कसाना, खुटिंडा, रिंगल्टी, बडोलगांव में लगातार ग्रामीणों को गुलदार नजर आ रहे हैं. गुलदार ग्रामीणों के कुत्ते व अन्य मवेशियों को निवाला बना चुके हैं. आदमखोग बाघों की डर से ग्रामीणों का रात्रि में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.