सुरेंद्र डसील/देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में इन दिनों मंदिरों में ड्रेस कोड (Dress Code in Temples) का मामला सुर्खियों मे छाया हुआ है. जानकारी के मुताबि तमाम मंदिर समितियां मंदिर में आने के लिए ड्रेस कोड लागू कर रही हैं. प्रदेश की राजधानी देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में अब एक नया नियम बनाया गया है. मंदिर में आने वाले लोगों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है यानी मंदिर में अब लोग मर्यादित कपड़ों में ही प्रवेश कर सकते हैं. फिलहाल, मंदिरों में ड्रेस कोड का मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है.


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मंदिर में प्रवेश के लिए बनी गाइडलाइन
जानकारी के मुताबिक देहारदून के टपकेश्वर महादेव में इन दिनों ड्रेस कोड को लेकर बोर्ड लग गए हैं, जिनमें मंदिर में प्रवेश के लिए पूरी गाइडलाइन लिखी गई है. मंदिर में प्रवेश करने वाले पुरुष और महिलाओं के लिए पूरे नियम तय किए गए हैं. बताया जा रहा है इस मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है. हालांकि, मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भी इन नियमों से खुश हैं. महिलाओं का कहना है कि मंदिरों में आने के लिए नियम तो होने ही चाहिए. ऐसा न हो कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह के कपड़ों में मंदिर में प्रवेश कर ले.


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महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से दिया गया था निर्देश
बताया जा रहा है हरिद्वार स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से के निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि अखाड़ों के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं को मर्यादित कपड़ों में ही प्रवेश करने दिया जाएगा. इसी के तहत ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर, हरिद्वार के दक्ष प्रजापति मंदिर और राजधानी देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में इस नियम को लागू किया गया है. बीते दिनों बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा था कि हर धार्मिक स्थल की अपनी मर्यादा होती है. ऐसे में भक्तों को मंदिर में मर्यादित वस्त्र पहनकर ही आना चाहिए. जब भी कोई अमर्यादित वस्त्र पहनकर आता है तो वह बाकि अन्य व्यक्तियों को असहज करता है.


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