हेमंत नौटियाल/उत्‍तरकाशी: उत्‍तराखंड (Uttarakhand( में चीन सीमा से सटे उत्‍तरकाशी जिले (Uttarkashi District( में रविवार दोपहर बाद भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए. जिससे लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए. करीब दो सेकंड के भूकंप का झटका लगते ही लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर निकल आए. किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.


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दो बार आया भूकंप
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के उत्‍तरकाशी में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए.   भूकंप दोपहर 12.37 बजे आया, जिसकी तीव्रता 3.6 मापी गई है तो वहीं दूसरा झटका 12.54 बजे दूसरा झटका महसूस हुआ, जो कि हल्‍का था.  भूकंप का केंद्र कहां था और इसकी तीव्रता कितनी थी यह अभी पता नहीं चल पाया है. भूकंप से जान माल के नुकसान की भी अभी खबर नहीं है.  जनपद मुख्यालय , मनेरी, मातली, जोशियाड़ा, भटवाड़ी क्षेत्रान्तर्गत भूकंप के झटके महसूस किए गए. बाकी तहसील क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस नहीं किए गए.


उत्तराखंड बेहद संवेदनशील
उत्तरकाशी जनपद भूकंप की दृष्टि से जोन 5 में आता है. उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से  बेहद संवेदनशील माना जाता है. राज्य के अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं. ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं.


जानिए क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां पर ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं और जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.


कितने समय अंतराल का भूकंप होता है हानिकारक?
वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादातर भूकंप 30 से 40 सेकंड का आता है. जो सामान्य और कम नुकसानदायक होता है अगर यही भूकंप दो मिनट से ज्यादा का होता है तो ये क्षेत्र को भयंकर नुकसान पहुंचा सकता है. 


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