राम अनुज/ देहरादून: कांवड़ मेले की सुरक्षा को लेकर पुलिस मुख्यालय में एक हाई लेवल मीटिंग हुई. जिसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए. आज की बैठक में कांवड़ मेले की सुरक्षा और गाइडलाइंस को लेकर चर्चा की गई. दूसरे राज्यों से भारी तादाद में आने वाले कांवड़ियों को किस तरह से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सकती है. एहतियात के तौर पर क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं. इन तमाम मसलों को लेकर मीटिंग आयोजित हुई. इसमें खुफिया विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे. पिछले दो साल से मेले में कांवड़ियों की तादाद कम रही है. ऐसे में इस बार कांवड़ियों की तादाद अधिक हो सकती है, जिसको लेकर कई राज्यों का पुलिस प्रशासन पूरी प्लानिंग कर रहा है. 


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उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में 17 वीं अन्तर्राज्यीय व अन्तरइकाई समन्वय बैठक (17th Inter State & Inter Agencies Co-ordination Meeting) का आयोजन पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में किया गया. इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने कहा कि 14 जुलाई से 26 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है. यह एक बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है. हम सभी को इसकी चुनौतियों का पता है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित थी. इस बार काफी अधिक संख्या में शिवभक्तों के आने की संभावना है. 



उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सैक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें लगभग 9-10 हजार कर्मी पुलिस व्यवस्था में लगेंगे. सुरक्षा व्यवस्था के लिए ड्रोन, सीसीटीवी का इस्तेमाल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा. साथ ही शिवभक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की जायेगी कि कांवड़ यात्रा को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करें.  


इस साल 4 करोड़ कावड़ियों के आने की संभावना 
पुलिस उप महानिरीक्षक, हरिद्वार योगेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि बीते 15-20 वर्षों से हर साल कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है. साल 2019 में 3 करोड़ कांवड़िये आये थे. 2022 में लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना है. उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाटसएप ग्रुप बनाने, अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चेकिंग करने, कांवड़ियों के उद्गम स्थल पर ही डीजे, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की. यात्रा में लाठी डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे. 


स्पेशल पुलिस अधिकारियों का हो रहा गठन 
उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र सीसीटीवी से कवर है, जिसमें Public Address System भी लगे हैं. कांवड़ यात्रा में जनता का सहयोग प्राप्त किये जाने हेतु कांवड़ समितियों एवं स्पेशल पुलिस अधिकारियों का गठन किया जा रहा है. फिसलन वाले घाटों पर जल पुलिस की तैनाती सहित थाना स्तर पर सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है. 


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कांवड़ यात्रा के मार्गों का होगा प्रचार-प्रसार
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सीमावर्ती प्रदेशों से अपेक्षा की जाती है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों का अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें. साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम/मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों को लिए हरिद्वार से हटकर तैयार किये गये अलग रूट का भी प्रचार-प्रसार किया जाये. घटनाओं एवं तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान करने हेतु सीमावर्ती जनपदों के जनपद, सर्किल, थाना एवं चौकी स्तर पर संयुक्त व्हट्सएप ग्रुप बना लिए जाएं. 


नॉनवेज और शराब की दुकानें रहेंगी बंद 
हरिद्वार में आगामी कांवड़ मेले के दौरान नॉनवेज की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में चल रही नॉनवेज की दुकानों को मेले के दौरान बंद रखने के सख्त निर्देश दिए हैं. निर्देशों का पालन ना करने वाले दुकानदारों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा. दरअसल, हरिद्वार में कई प्रतिबंधित क्षेत्रों में नॉनवेज की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं. कांवड़ मेले के दौरान इन दुकानों को बंद रखने की मांग हर साल उठाई जाती है. डीएम विनय शंकर पांडे का कहना है कि ड्राई एरिया में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी. 


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कावंड़ियों से सौम्य व्यवहार की अपील 
वहीं, यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने भी कॉरडिनेशन के लिए सीमावर्ती जनपदों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जाने पर जोर दिया. साथ ही निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर नॉन वेज एवं शराब की दुकानें न हो. उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक आयोजन है. ऐसे में कोई व्यवहार पुलिस कर्मियों की ओर से न हो, जिससे शान्ति व्यवस्था भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो. 


बैठक में निम्न बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श किया गयाः-
1. हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने हेतु कांवड़ियों हेतु हाईवे के बाएं ओर को उपयोग करने का निर्णय लिया गया. साथ ही इस दौरान लगने वाले शिविर एवं भण्डारे हाईवे के बाएं ओर ही मुख्य मार्ग से 15 फीट दूर लगाने हेतु अनुमित प्रदान करने का निर्णय लिया गया.


2. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को अपना परिचय पत्र साथ रखने, सात फीट से उंची कांवड़ न बनाये जाने, रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के सम्बन्ध में कांवड़ियों को जागरूक किया जाये. 


3. यह प्रयास किया जाए कि कांवड़िये जिस स्थान से आ रहे हैं, वहां के सम्बन्धित थाने में यात्रा हेतु जाने वाले कुल कांवड़ियों की संख्या, गाड़ी नम्बर, मोबाइल नम्बर व ग्रुप-लीडर का नाम व मोबाइल नम्बर की सूचना दें, जिससे उनपर नजर रखी जा सके. 


4. डीजे एवं शिविरों पर बजने वाले गानों की मॉनिटरिंग की जाए. कांवड़ियों से अपील की जाए कि कोई ऐसा गीत न बजाएं जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों. 


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5. अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चौक पोस्ट- चिड़ियापूर बैरियर, नारसन चौक पोस्ट, लखनौता चौक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चौक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग. 


6. बेहतर समन्वय हेतु कांवड़ यात्रा हेतु नियुक्त उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के नोडल अधिकारी हरिद्वार स्थित कन्ट्रोल रूम में बैठेंगे. 


7. सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैम्प और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया. 


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