पुष्कर चौधरी/चमोली : केंद्र सरकार के लिए सीमाई जिलों में रोड कनेक्टिविटी प्राथमिकता है. इसी कड़ी में उत्तराखंड के चमोली में भारत-चीन बॉर्डर एरिया तक सड़क मार्ग पहुँच गया है. पहले यह मार्ग अंतिम गाँव नीती तक सिर्फ 3 मीटर चौड़ा  हुआ करता था, जिससे सेना के वाहनों को रसद सामग्री ले जाने में बड़ी दिक्कतें होती थी. उसके बाद नीती गाँव से आगे 24 किलोमीटर गेल्डुंग चैकपोस्ट और गेल्डुंग से 4 किलोमीटर आगे कैलांग मंडी तक सेना रसद सामग्री व अन्य चीजों को घोड़े,खच्चरों व पोटरों के माध्यम से पहुंचाया जाता था. इनमें सेना के जवानों को कई दिन लग जाते थे और कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता था.


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लेकिन अब मलारी गाँव से नीती गाँव तक बीआरओ के माध्यम से 10 मीटर चोड़ा मार्ग बन चुका है जिसमें ब्लैक टॉप भी हो चुका है. वहीं नीती गाँव के ऊपर इनर लाईन पर स्थित बिमलास चेक पोस्ट है. इससे आगे 24 किलोमीटर दूर गेल्डुंग चैक पोस्ट तक भी साड़े तीन मीटर चोड़ा मार्ग बन चुका है, जहां अब सेना की गाड़ियाँ दोड़ रही हैं. और गेल्डुंग से चार किलोमीटर आगे लास्ट कैलांग मंडी है जहां सड़क का कार्य गतिमान में है. 


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इस सड़क मार्ग में लगभग 50 छोटी पुलियाँ हैं और 7 बड़े पुल बने हैं और 150 करोड़ का यह प्रोजेक्ट हैं. मलारी से नीती गाँव तक वही इस मार्ग के बनने से स्थानीय निवासी सरकार की इस पहल की सराहना कर रहे हैं. इससे एक ओर जहां चीन की हर हरकत पर नजर र खने में मदद मिलेगी, वहीं इससे आसपास के गांव तक बुनियादी विकास भी पहुंचेगा. लोगों को आवाजाही में मदद मिलेगी. अभी यहां तक पहुंचने में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.