खुशाल रावत/रामनगर: उत्तराखण्ड़ के रामनगर में आतंक का पर्याय बनी आदमखोर बाघिन को आखिरकार पकड़ लिया गया है. कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और रामनगर वन प्रभाग की टीम ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है. रामनगर वन प्रभाग के आसपास मोहान से पनोद तक के क्षेत्र में बाघिन (Tigress) को पकड़ा गया है. यह वही बाघिन बताई जा रही है जिसके लंगड़ाकर चलने का वीडियो सामने आया था. जानकारी के मुताबिक बाघिन बुधवार सुबह ही पिंजरे में कैद हुई है. इसे रेस्क्यू करने के बाद ढे़ला रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है. यह बाघिन बूढ़ी  बताई जा रही है. 


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रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार बाघिन को स्वस्थ बता रहे हैं. वहीं डॉक्टर इसकी हालत अच्छी नहीं बता रहे हैं. 


बताया जा रहा है कि बाघिन के पिंजरे में कैद होने के बाद भी खतरा अभी टला नहीं है. इस इलाके में पहले भी तीन से चार बाघ कैमरा ट्रैप में आए हैं. जानकारी के मुताबिक एक चिन्हित बाघ अभी भी मोहान से पनोद तक के क्षेत्र में बना हुआ है. आपको बता दें कि धनगढ़ी के पास के क्षेत्र में भी एक बाघ का आतंक था. 


पहले भी हुए हैं हमले


मिला जानकारी के मुताबिक बीते दिनों नेशनल हाईवे 309 (National Highway 309) पर हुए बाघ के हमले में अब तक चार लोगों की जान चली गई है. जबकि बाघ के हमले से कई लोग घायल भी हुए हैं. इन घटनाओं के बाद से कॉर्बेट प्रशासन और रामनगर वन प्रभाग की टीम जंगल किनारे नेशनल हाईवे पर लगातार गश्त कर रही थीं. साथ ही आतंकी बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए थे. इसी एक पिंजरे में एक बाघिन कैद हुई है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लोगों पर हमला करने वाली बाघिन यही है या नहीं. 


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