योगेंद्र नागरकोटी/बागेश्वर: ट्रेकिंग करने के शौकीनों के लिए जरूरी खबर है. दरअसल, अब हिमालय की चोटियों और ग्लेशियरों का लुत्फ उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन करना  होगा. बागेश्वर जिला प्रशासन ने ट्रैकिंग के शौकीनों के लिये एक पोर्टल तैयार किया है. जहां उनको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. बता दें, जिले के ट्रैकिंग रूटों पर हर साल देश और विदेश के ट्रैकर आते हैं. 


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दरअसल, इससे पहले ट्रैकर्स आसानी से हिमालीय क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिये निकल जाते थे और प्रशासन के पास कुछ भी आकंडे मौजूद नहीं रहते थे.  ग्लेशियरों में बढ़ते हादसों को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है.अब पर्वतारोहियों और ट्रैकर्स को ऐसी जगहों पर आने से पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा. साथ ही स्थानीय गाइड को भी अब अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पिंडारी,सुन्दरढूंगा और कफनी ग्लेशियर पर ट्रैकिंग और पर्वतारोहण पर जाने वाले पर्यटकों व दलों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य हो गया है. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से नई गाइडलाइन तैयार की गई है.


फिलहाल ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन  की सुविधा लागू हो गई है. खाती के पास वन विभाग की जैकूली चौकी में रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. इधर जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या ने बताया कि जल्द ही पर्यटकों और ट्रैकर्स के लिये रजिस्ट्रेशन एप बहाल कर दिया जायेगा. इप पर कार्य चल रहा है. एप के माध्यम से अब पर्यटक पंजीकरण करेंगे. उन्हें वन विभाग की चौकियों से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं होगी.


डीएफओ बागेश्वर हिमांशु बागरी बताते हैं कि यह व्यवस्था ट्रैकर्स की सुविधा के अलावा सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है. इसके जरिये प्रशासन के पास ट्रैकर्स की पूरी जानकारी रहेगी. इससे किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को ट्रैकर्स की मदद करने में सहायता भी मिलेगी. 


बीते वर्ष अक्टूबर 2021 में पिंडारी ग्लेशियर की सैर पर गये बंगाल के पांच पर्यटक व एक गाइड बर्फीले तूफान की चपेट में आ गये थे. पांच पर्यटकों के साथ गाइड की बर्फ में दबने से मौत हो गयी थी. प्रशासन के पास सटीक जानकारी नहीं हो पाने के कारण प्रशासन पर्यटकों की मदद करने में असफल रहा. जिससे सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने अब ये व्यवस्था लागू की है. इससे आपदा या किसी अनहोनी पर प्रशासन के पास पर्यटकों की सटीक जानकारी रहेगी. जिससे राहत बचाव कार्य में भी आसानी होगी. 


ट्रैकरों को अपने साथ वापस लाना होगा कूड़ा
बागेश्वर के तीन ग्लेशियरों में ट्रेकिंग की जाती है. इन रूटों पर हर साल देश और विदेश के ट्रैकर्स आते हैं.जिससे इन ग्लेशियरों में काफ़ी कूड़ा इकट्ठा हो जाता है. वन विभाग को हर वर्ष इसकी सफाई के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ता था. वन विभाग बागेश्वर ने अब एक अनूठी पहल शुरू की है. अब ट्रैकरों को ग्लेशियरों से अपना कूड़ा  वापस लाना होगा. ऐसा न करने पर उन्हें अर्थदंड के रूप में हजारों रूपये चुकाने पड़ सकते हैं.