Uttarakhand BJP ने काटा खानपुर विधायक प्रणव सिंह चैंपियन का टिकट, अपनी हरकतों से कर चुके हैं पार्टी की नाक में दम
Pranav Singh Champion: बीजेपी में वापसी होने के बाद प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा था कि उन्हें ऐसा लग रहा है मानो वनवास खत्म करके भगवान राम घर लौटे हों. हालांकि, बातों-बातों में उन्होंने यह साफ तौर पर कह दिया था कि न तो शराब पीना अपराध है, न ही शस्त्र लाइसेंस होना. वहीं, चैंपियन ने यह बात भी कह दी थी कि उनको पार्टी हाईकमान ने खुद वापस बुलाया है...
Pranav Singh Champion Did not get Ticket: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपने दमदार प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. 59 प्रत्याशियों की लिस्ट में 5 महिलाएं शामिल हैं. लिस्ट जारी होते ही यह कंफर्म हो गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार से. वहीं, एक बड़ी खबर यह है कि कई बार विवादो में घिरे उत्तराखंड के खानपुर से बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह 'चैंपियन' का इस बार टिकट कट गया है. प्रणव सिंह की जगह उनकी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी पत्नी को इसलिए टिकट दिया गया है ताकि अनावश्यक विवाद से बचा जा सके.
प्रणव सिंह कई बार रहे विवादों के घेरे में
मालूम हो, प्रणव सिंह और विवादों का पुराना नाता रहा है. साल 2019 में बीजेपी ने उन्हें कुछ समय के लिए निष्कासित किया था और करीब साल भर बाद प्रणव सिंह की पार्टी में फिर एंट्री हुई थी. दरअसल, उत्तराखंड के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी, तमंचा लहराने, बीजेपी के विधायक देशराज कर्णवाल के साथ खुलकर सामने आए मतभेद और पत्रकार के साथ गाली-गलौज करने के मामले में पार्टी ने चैंपियन को 2019 में बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद अगस्त 2020 में बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में चैंपियन ने अपना पक्ष रखते हुए तमाम गलतियों के लिए माफी मांगी थी. इसके बाद 24 अगस्त 2020 को तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने चैंपियन की पार्टी में वापसी कराई थी.
पार्टी में वापसी के बाद कह दी थी यह बात
बीजेपी में वापसी होने के बाद प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा था कि उन्हें ऐसा लग रहा है मानो वनवास खत्म करके भगवान राम घर लौटे हों. हालांकि, बातों-बातों में उन्होंने यह साफ तौर पर कह दिया था कि न तो शराब पीना अपराध है, न ही शस्त्र लाइसेंस होना. वहीं, चैंपियन ने यह बात भी कह दी थी कि उनको पार्टी हाईकमान ने खुद वापस बुलाया है. इसके बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने क्लियर कर दिया था कि किसी के कारण किसी का काम रुक जाए, ऐसा कभी नहीं होता. चैंपियन ने आग्रह किया था कि वह वापस आना चाहते हैं, इसलिए उन्हें एक और मौका दिया गया है. वह किसी कारण से ही पार्टी से निष्कासित हुए थे.
शस्त्र लहराते हुए वीडियो हुआ था वायरल
जून-जुलाई 2019 में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो (जिसमें प्रणव सिंह शस्त्र लहराते हुए दिख रहे थे) की वजह से उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था. उस दौरान तत्कालीन उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू ने बताया था कि विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को अमर्यादित आचरण करने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
पत्रकार को धमकी देने का वीडियो हुआ था वायरल
इसके अलावा, जून 2019 में ही चैंपियन पर गंभीर आरोप लगे थे कि उन्होंने एक पत्रकार को धमकी दी है. इसका वीडियो भी वायरल हुआ था. वीडियो में चैंपियन नई दिल्ली के उत्तराखंड निवास में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक पत्रकार को धमकी देते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वजह से उन्हें निलंबित किया गया था.
रमेश पोखरियाल को लेकर कही थी यह बात
इससे भी पहले झबरेडा के पार्टी विधायक देशराज कर्णवाल के साथ उनका लंबे समय तक सार्वजनिक रूप से वाकयुद्ध चला था. अप्रैल 2019 में आम चुनावों में हरिद्वार संसदीय सीट से अपनी पत्नी के लिये पार्टी का टिकट मांग रहे चैंपियन ने सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को 'प्रवासी पक्षी' बताया था.
2016 में कांग्रेस में बगावत कर आए थे बीजेपी
बता दें, चैंपियन उन 9 कांग्रेस विधायकों में शामिल थे जो साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत का परचम बुलंद कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
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