Dhami government completes one year : उत्‍तराखंड में पुष्‍कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का एक साल कल यानी 23 मार्च को पूरा हो रहा है. इस एक साल में धामी सरकार ने नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण, महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देने जैसे तमाम चुनावी दावों को पूरा करने में कामयाब रही है. वहीं, धामी सरकार का दावा है कि उत्‍तराखंड को आने वाले वर्ष 2025 तक देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे. इसके लिए पूरे जी जान से सरकार लगी हुई है.


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खुद की सीट गंवा बने थे मुख्‍यमंत्री 
बता दें कि मुख्‍यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में पिछले साल भाजपा चुनावी मैदान में थी. इस दौरान भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में दो तिहाई बहुमत के साथ 47 सीटों पर अपना कब्‍जा जमाया. हालांकि, इस चुनाव में सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने अपनी खुद की सीट गंवा दी थी. तमाम अड़चनों के बीच पुष्‍कर सिंह धामी ने 23 मार्च 2022 को उत्‍तराखंड के सीएम पद की शपथ ली थी. उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. 


यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का फैसला 
उत्‍तराखंड में जैसे ही धामी सरकार बनी अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) लागू करने का फैसला किया. इसके बाद ही लगने लगा कि धामी सरकार चुनावी वादों को साकार करने के लिए आगे भी बड़ा कदम उठाती रहेगी. इसके बाद यूसीसी को लागू कराने के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई गई.  वहीं, भ्रष्टाचार पर लगाम लागने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त ऐप-1064 को लॉन्‍च किया. 


नकल विरोधी कानून पास 
इसके अलावा नकल माफिया पर लगाम लगाते हुए नकल विरोधी कानून लागू किया. राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देकर चुनावी वादा पूरा किया. इसके बाद जबरन और प्रलोभन से धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाए गए. वहीं, अंत्योदय परिवारों को एक साल में तीन गैस सिलिंडर फ्री रिफिल की सुविधा दी गई. 


लखपति बनाने की पहल शुरू 
साल 2025 तक लखपती दीदी योजना के तहत प्रदेश की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने की पहल की गई. राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया. वहीं, वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला दो उत्पाद योजना लागू की गई. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में सब्सिडी बढ़ाकर 40 फीसदी की राहत दी गई. 


ये थीं चुनौतियां 
हालांकि, इस एक साल में सीएम धामी को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. अंकिता भंडारी हत्‍याकांड में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. वहीं, 
पेपर लीक मामले में भी छात्रों के बड़े आंदोलन से सरकार पर निशाना साधा गया था. 


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