कुलदीप नेगी: प्रदेश में सख्त नकल रोधी कानून के लिए धामी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय अध्यादेश 2023 को अनुमोदन दे दिया है. इसमें दोषियों के विरुद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा और दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. अगर राजभवन 12 फरवरी से पहले मुहर लगा देता है तो यह कानून पटवारी-लेखपाल भर्ती से ही लागू हो जाएगा. 


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नकल करानों वालों के खिलाफ ये होगी कार्रवाई 
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए 3 वर्ष के कारावास और न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है.


... तो आजीवन डिबार हो सकेंगे 
वहीं, यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोष सिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है. यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है.


अर्जित संपत्ति कुर्क होगी 
वहीं, प्रदेश में अब नकल का अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और अशमनीय बन जाएगा. इसके अलावा नकल माफिया अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर जो भी संपत्ति अर्जित करेंगे, उसे सरकार कुर्क कर लेगी.