कमल किशोर पिमोली/पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल और धूमाकोट इलाके में पिछले दो महीनों से बाघ का आतंक बना हुआ है. बाघ के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान है. पौड़ी के डीएफओ ने स्वयं गांव पहुंचकर रेस्क्यू टीम के साथ निरीक्षण किया. ग्रामीणों का कहना है कि बाघ का आतंक बीते 2 महीनों से बना हुआ है एक बाघ को पहले टीम द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया था लेकिन एक बाघ फिर से गांव के इर्द-गिर्द घूमता नजर आ रहा है. इससे पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना हुआ है.


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जंगल जाने से कतरा रहे लोग
जिन लोगों की गाय और बकरियां हैं वे अपने जानवरों को चराने के लिए जंगल की ओर जाने से कतरा रहे हैं. लोगों को डर है कि कब बाघ उनके मवेशियों या उन पर हमला कर दे. बाघ को गांव के कई लोगों ने देखा है. देर शाम होते ही बाघ लोगों के घरों के आसपास घूमता देखा गया. बताया जा रहा है ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. इससे लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.


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डीएफओ ने दी जानकारी


इस मामले पर डीएफओ के एन भारती ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बढ़ रहे बाघ के आतंक को देखते हुए उन्होंने अपनी टीम के साथ बाघ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि यहां पर एक पिंजरा लगाया गया है. साथ ही दो टेंकुलाईजर टीमें ड्रोन कैमरे से निगरानि कर रही हैं. ड्रोन की मदद से भी लगातार बाघ की गतिविधियां पर नजर रखी जा रही है. ड्रोन में कई बार बाघ को ट्रैक भी किया गया है. उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही बाग को पिंजरे में कैद कर लिया जाएगा ताकि क्षेत्र में बढ़ रही बाघ की दहशत से जनता को निजात दिलाया जा सके.


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