देहरादून: देव भूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ में दरारें (Joshimath Cracks) आईं हैं. इसकी खबरें और तसवीरें तो आपने जरूर देखा होगा. शायद ही कोई ऐसा हो, जो इन दरारों का खौफनाक मंजर भुला सके. इन सबके बीच उत्तराखंड का एक और शहर ठीक वैसी ही समस्या से दो चार हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जोशीमठ जैसी दरारें यहां भी देखने को मिलीं हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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आनन-फानन में प्रभावित मकानों को कराया गया खाली
दरअसल, उत्तराखंड के चमोली कर्णप्रयाग (Chamoli Karnprayag Area) क्षेत्र के कई घरों में भी बड़ी-बड़ी दरारें आईं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो अब तक कुल 38 घरों में दरारें आ चुकी हैं. वहीं, इसका सिलसिला लगातार जारी है. बता दें कि जिला प्रशासन ने आनन-फानन में प्रभावित मकानों को खाली कराया है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो सके. 


मामले में कर्णप्रयाग के तहसीलदार ने दी जानकारी
इस मामले में कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन दरारों से अबतक 38 परिवार प्रभावित हुए हैं. उन सभी के मकान खाली कराए गए हैं. इसके बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरे और आईटीआई कॉलेज में रखा गया है. पूरे हालात पर शासन और प्रशासन दोनों नजर बनाए हुए है.


तपोवन का विद्युत परियोजना जोशीमठ से काफी दूर:  मंत्री 
इस मामले में केंद्र सरकार के मंत्री आर के सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि "जोशीमठ की जमीन धंसने की घटना से तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना अप्रभावित है, फिर भी जिला प्रशासन ने परियोजना के निर्माण स्थल पर अगले आदेश तक निर्माण कार्य स्थगित रखा गया है. इसके लिए बीते 5 जनवरी 2023 को एक आदेश दिया गया" उन्होंने बताया कि तपोवन विद्युत परियोजना जोशीमठ के प्रभावित स्थान से काफी दूर हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जोशीमठ में जमीन धसने से विद्युत परियोजना पर कोई असर नहीं है. एहतियातन चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है.