उत्तराखंड में बरगद के पेड़ के नीचे डॉ. योगी ने बनाया बंकर, एटम बम हमला भी झेल लेगा
राजधानी देहरादून में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. योगी देश का पहला निजी बंकर बना रहे हैं.
राम अनुज/देहरादून : बंकर बनाने की बात सुनकर आपको युद्ध क्षेत्र की याद जरूर आती होगी, मगर शांत वादियों में बंकर बन रहा हो तो यह किसी अचंभे से कम नहीं होगा. राजधानी देहरादून में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. योगी बंकर बना रहे हैं. यह ऐसा बंकर है कि अगर कभी एटम बम का हमला हो तो उसके रेडिएशन से बचा जा सकेगा. बंकर के ऊपर ढाई सौ बरगद के पेड़ लगे हैं. इतना ही नहीं बंकर के ऊपर छोटी सी नहर भी बनी है.
मेडिकल सुविधाओं से लैस
राजधानी देहरादून से तकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर कुठाल गेट के पास डॉक्टर योगी का जंगल मंगल क्षेत्र है. जो तरह-तरह के पेड़ पौधों से भरा है. 250 बरगद के पेड़ के नीचे डॉ. योगी आपातकालीन की स्थिति में रहने के लिए एक बंकर बना रहे हैं. इसमें तीन अलग-अलग बड़े कमरे हैं, जिसमें 10 से 12 लोग आसानी से रह सकते हैं. बंकर की दीवारें 10 फीट है. यहां रहने के लिए बेड है, जो ऑक्सीजन मशीन समेत मेडिकल सुविधाओं से लैस है.
बंकर में अंदर बैठकर देख सकेंगे बाहर का नजारा
खास बात यह है कि बंकर से बाहर का नजारा देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. बाहर की रोशनी आए इसके लिए रोशनदान बनाया गया है. बड़े-बड़े पहाड़ों के बोल्डर से बंकर के अंदर दीवारें बनाई गई हैं. डॉ. योगी का कहना है कि इस बंकर को रेडिएशन से बचाया जा सकता है. अगर एटम बम का हमला होगा तो उस पर रेडिएशन से बचा जा सकेगा. बंकर के अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं.
पत्थरों के बने हैं बेड
बंकर के अंदर पत्थर के बेड हैं. इन्हीं बेड पर आपातकालीन स्थिति में सोया जा सकेगा. बंकर में सुरंग की तरह एंट्री होती है. इसके अलावा एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने के लिए सुरंग नुमा रास्ता भी बनाया गया है. डॉक्टर योगी का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में इसमें आसानी से छिपा जा सकेगा, क्योंकि बंकर के ऊपर हरा-भरा एक बगीचा तैयार किया जा रहा है. इसमें ढाई सौ बरगद के पेड़ लगाए गए हैं और एक नहर भी बह रही है.
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पेड़-पौधों से घिरा है बंकर
डॉक्टर योगी इसे दुनिया का पहला ऐसा बंकर बता दे रहे हैं जो इस तरह से बगीचे नुमा क्षेत्र में बन रहा है. उनका कहना है कि यह देश का पहला ऐसा बंकर है जो इस तरह से बरगद के पेड़ के नीचे बनाया गया है. दूर से देखकर कोई इस बात का एहसास नहीं कर सकता. बंकर के ऊपर सैर करने के लिए रास्ता भी बनाया गया है. नहर में मछलियां पाली गई हैं. साथ ही जंगल में पशु पक्षी सैर करते हैं.